चंबल नदी के रौद्र रूप से आगरा में हाहाकार

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आगरा: गुरुवार को चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 135.70 मीटर पर पहुंच गया। जबकि खतरे का निशान 130 मीटर पर है। बाढ़ का पानी आसपास के कई गांवों में घुस गया है। घर और स्कूल डूब गए हैं। प्रशासन की टीमें गांवों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में जुटी है।

बाढ़ के डर से ग्रामीण खुद भी पलायन कर रहे हैं। पिनाहट में बाढ़ प्रभावित 12 से अधिक गांवों के लोगों ने रातभर दहशत में अपने मासूम बच्चों और पालतू जानवरों के साथ बीहड़ के ऊंचे टीलों पर रात बिताई है। प्रशासन की टीमें इन ग्रामीणों तक राशन व अन्य जरूरी सामान पहुंचाने में जुटी हैं। गुरुवार को जिले के आला अधिकारियों के साथ बाह विधायक ने बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया।

चंबल नदी का जलस्तर थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बाह तहसील के 38 गांवों में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। गुरुवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान से पांच मीटर ऊपर 135.70 मीटर तक पहुंच गया।

गुरुवार को जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह, एसएसपी मुनिराज जी. के साथ बाह की विधायक पक्षालिका सिंह ने बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया। अधिकारियों ने राहत-बचाव को लेकर राजस्व कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिए। चंबल के बाद यमुना और उटंगन नदी भी उफान पर हैं। बाह में तीनों नदियों ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। बाढ़ के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं। ये परिवार खुले आसमान के नीचे बीहड़ के ऊंचे टीलों पर रहने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को राशन पहुंचाया जा रहा है।

बाह तहसील क्षेत्र में चंबल नदी किनारे बसे 38 में से 14 गांव सर्वाधिक प्रभावित हैं। रास्तों से लेकर स्कूल और घरों में पानी भरने से पलायन शुरू हो गया है। विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। करीब 22 हजार लोगों के बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका है। बुधवार को एसडीएम बाह अब्दुल वासित राजस्व टीमों के साथ प्रभावित गांवों से लोगों को निकालने में जुटे रहे। एसडीएम ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने से हालात बेकाबू हो सकते हैं। ऐसे में एनडीआरएफ की मदद के लिए डीएम को पत्र लिखा है।

चंबल की बाढ़ से प्रभावित गांवों में कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन बुधवार को नहीं हो सका। राजस्व टीमें दिनभर बचाव कार्य में जुटी रही। प्रभावित क्षेत्रों में पानी निकलने के बाद ही नुकसान का आंकलन किया जा सकेगा। ग्रामीणों के मुताबिक 38 गांव में 50 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है। बाह तहसील के मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरना पुरा, पुरा शिवलाल, पुरा डाल, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा, डगोरा, भगवान पुरा, क्योरीपुरा का संपर्क तहसील से कट गया है। उमरेठा गांव पूरा खाली कराया है।

 

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