शहीद नायक कमलजीत जैसे अमर बलिदानियों के समक्ष है समूचा राष्ट्र नतमस्तक:जोगिन्द्र पाल 49 वर्ष पहले पाक सेना ने कमलजीत का सिर कलम कर दिखाई दरिंदगी, नम आंखों से किया कमलजीत की शहादत को नमन
नम आंखों से किया कमलजीत की शहादत को नमन
शहीद नायक कमलजीत जैसे अमर बलिदानियों के समक्ष है समूचा राष्ट्र नतमस्तक:जोगिन्द्र पाल 49 वर्ष पहले पाक सेना ने कमलजीत का सिर कलम कर दिखाई दरिंदगी, नम आंखों से किया कमलजीत की शहादत को नमन
GURDASPUR : ROHIT GUPTA, SUB EDITOR
- 1971 के भारत-पाक युद्घ में शहादत का जाम पीने वाले बी.एस.एफ की 20 बटालियन के वायरलैस आपरेटर नायक कमलजीत सिंह का 49वां श्रद्घांजलि समारोह बी.एस.एफ की 121 बटालियन के टू.आई.सी हिमांशु उंडेरिया की अध्यक्षता में भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन पर स्थित बी.एस.एफ की सिंबल पोस्ट पर शहीद की याद में बने स्मारक पर आयोजित किया गया। जिसमें हलका विधायक जोगिन्द्र पाल बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद के भांजे आगोश कुमार, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, कम्पनी कमांडर ए.सी शशिकांत खोबा, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही दीवान चंद की पत्नी सुमित्री देवी व पौत्र संजय कुमार, सूबेदार शक्ति पठानिया आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम माधोपुर से आई 121 बटालियन के जवानों द्वारा शहीद नायक कमलजीत सिंह की समाधि पर शस्त्र उलटे कर बिगुल की मातमी धुन से उन्हें सलामी दी। उसके बाद मुख्यातिथि व बी.एस.एफ के अधिकारियों एवं अन्य मेहमानों ने शहीदी स्मारक पर रीथ चढ़ाकर शहीद को सैल्यूट किया। श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए विधायक जोगिन्द्र पाल ने कहा कि शहीद नायक कमलजीत सिंह जैसे अमर बलिदानियों की बदौलत ही राष्ट्र की एकता व अखंडता बरकरार है। जिन्होंने 49 वर्ष पहले पाक सेना को धूल चटाते हुए जिस शूरवीरता व अदम्य साहस का परिचय दिया, उसकी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है। वीरता का इतिहास रचने वाले ऐसे शूरवीरों की अमूल्य शहादत व शौर्य के समक्ष समूचा राष्ट्र नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारे जवान तनदेही से अपनी ड्यूटी निभाते हुए अपनी देशभक्ति का सबूत देते हैं, वहीं सभी देशवासियों का भी यह फर्ज बनता है कि अपना काम ईमानदारी से करते हुए तथा अपने वीर जवानों व शहीद परिवारों को पूरा मान सम्मान देकर अपनी देशभक्ति का सबूत देते हुए शहीदों के सपनों को साकार करंे। उन्होंने कहा कि इंसान को अगर जीवन में कोई रोल निभाना है तो वह शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह व शहीद नायक कमलजीत सिंह जैसे निभाएं, जिसे लोग लम्बे समय तक याद रख सकें।