रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा और शनि सेवा सदन ने लौटाई कुल बहादुर की रोशनी, मानवता की मिसाल बने डॉ. शिव कुमार का सपना आज भी जीवंत








रोटरी आई हॉस्पिटल और शनि सेवा सदन ने लौटाई कुल बहादुर की रोशनी
मानवता की मिसाल बने डॉ. शिव कुमार का सपना आज भी जीवंत
मारंडा ( पालमपुर) हिमाचल प्रदेश
— जीवनभर अंधकार और शोषण का शिकार रहे 72 वर्षीय नेपाली मूल के कुल बहादुर की दुनिया उस समय बदल गई, जब शनि सेवा सदन के प्रमुख परविंदर भाटिया और रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा की टीम उनके जीवन में आशा की किरण बनकर आए।

कुल बहादुर, जिन्हें ठीक से सुनाई भी नहीं देता और बोलने में भी कठिनाई होती है, वर्षों से इधर-उधर भटकते हुए मजदूरी कर जैसे-तैसे जीवन यापन कर रहे थे।
किसी अजनबी ने उनके हाथ में एक पर्ची थमा दी और कहा, “शनि सेवा सदन के परविंदर भाटिया जी से मिलो, वह आपकी आंखों का इलाज करवा देंगे।” यह सुनकर कुल बहादुर किसी तरह उनसे मिलने आ पहुंचे।

भाटिया जी ने उनकी हालत देख भावुक होकर उन्हें तुरंत रोटरी आई हॉस्पिटल, मारंडा पहुंचाया।

वहां निदेशक डॉ. सुधीर सलहोत्रा और जनरल मैनेजर राघव शर्मा ने मानवीय संवेदनाओं को समझते हुए तत्काल इलाज शुरू करवाया।
अस्पताल की अनुभवी टीम ने आधुनिक तकनीक और विश्वस्तरीय मशीनों की मदद से कुल बहादुर की आंखों की गहन जांच की।

उनकी इस तत्परता और सेवा भावना ने कुल बहादुर जैसे बेसहारा व्यक्ति को न केवल दृष्टि लौटाई, बल्कि जीवन में फिर से आत्मविश्वास और आशा का संचार किया। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि डॉ. रोहित गर्ग ने सिर्फ आंखों का ऑपरेशन नहीं किया, बल्कि एक बुज़ुर्ग की पूरी दुनिया को रोशन कर दिया।
उनकी कर्मठता, संवेदनशीलता और निःस्वार्थ सेवा भावना, रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा की उस परंपरा का हिस्सा है, जिसे संस्थापक डॉ. शिव कुमार ने स्थापित किया था — मानवता को सर्वोपरि मानते हुए।
अगली सुबह जैसे ही पट्टी खुली, कुल बहादुर की आंखों में रोशनी लौट आई। वह भाव-विभोर हो उठे और बार-बार रोटरी हॉस्पिटल, परविंदर भाटिया और सभी डॉक्टरों का धन्यवाद करते रहे।

जनरल मैनेजर राघव शर्मा ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय डॉ. शिव कुमार, जो इस अस्पताल के संस्थापक हैं, ने जीवन भर मानव सेवा को प्राथमिकता दी। “मैं उनके आदर्शों को आगे बढ़ा रहा हूं,” उन्होंने कहा, “और अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा जनता की सेवा में लगाता हूं।”
परविंदर भाटिया ने भी कहा, “जब तक सूरज-चांद रहेगा, डॉ. शिव कुमार का नाम रहेगा। उन्होंने जो सेवा की परंपरा शुरू की थी, आज वह पूरे उत्तर भारत में एक मिसाल बन रही है।”
रोटरी आई हॉस्पिटल, मारंडा आज भी डॉ. शिव कुमार के दिखाए रास्ते पर चलते हुए समाज के अंधेरे को उजाले में बदल रहा है।
Captions : सर्जरी से पूर्व बेसहारा कल बहादुर की आंखों का परीक्षण करते हुए रोटरी आई हॉस्पिटल की टीम
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