शांता कुमार शुरू से ही दलित विरोधी रहे : एडवोकेट नरेश कुमार
शांता कुमार शुरू से ही दलित विरोधी रहे : एडवोकेट नरेश कुमार
UNA
श्री गुरु रविदास महा सभा(हिमाचल प्रदेश) की जिला ऊना इकाई के अध्यक्ष अधिवक्ता नरेश कुमार ने प्रेस के नाम जारी व्यक्तव्य में कहा कि जो कुछ भी 10 दिसम्बर को धर्मशाला में विधानसभा परिसर के बाहर हुआ और मुख्यमंत्री ने बिना सदन को विश्वास में लिए आनन फानन में सामान्य वर्ग आयोग की घोषणा की वो सब कांग्रेस और बीजेपी के बीच मैच फिक्सिंग का नतीजा था ।पूर्व मुख्यमंत्री श्री शांता कुमार के हाल के बयान जिसमे उन्होंने ने जाति आधारित आरक्षण खत्म करने की बकालत की है उसकी घोर निंदा करते हुए कहा कि शांता कुमार शुरू से ही दलित विरोधी रहे है। कर्मचारी बिरोधी रहे है जिसका उनको मुख्यमंत्री होने के बाबजूद भी 2 बार हार का सामना करना पड़ा। शांता कुमार ताजा आंदोलन जोकि स्वर्ण समाज के कुछ लोगो द्वारा धर्मशाला में विधानसभा घेराव के रूप में किया को सपोर्ट करके आग में घी डालने का काम कर रहे है और देश को ऐसे आंदोलन की आग की भट्टी में डालने का आह्वान कर रहे है।
शांता कुमार बताएं देश में कौन से 80%लोग जाति आधारित आरक्षण पर विरोध में है? देश मे स्वर्ण समाज की 15% जनसंख्या है85%अनुसूचितजाति ,जनजाति, ओबीसी एवम अल्प संख्यक है।
शांता कुमार जी जाति आधारित देश मे जनसंख्या का सर्वे करवाओ अपनी केंद्र सरकार से आपको पता लग जायेगा आप कहाँ पर खड़े हो।
आज भी देश मे छुआछात, दलित शोषण , उत्पीड़न के आंकड़े लगातार बढ़ रहे है तब शांता कुमार के मुंह में दही जम जाता है और कभी विरोध में नही बोले।शांता कुमार की शुरू से ही अनुसूचितजाति,जनजाति,ओबीसी विरोधी मानसिकता रही है ।
यह जब मुख्यमंत्री थे और मंडल कमीशन रिपोर्ट ओबीसी के लिए लागू करने की बात आई तो कमीशन रिपोर्ट के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में केस दायर कर दिया।
इनकी मानसिकता संविधान विरोधी के साथ साथ दलित विरोधी भी है।शांता कुमार जी जाति वहींन समाज बनाने के लिए आपने प्रदेश और केंद्र में पदों पर रहते हुए क्या किया? श्री शांता कुमार जी से आरक्षित वर्ग समाज आग्रह करता है कि इस असंबैधानिक ब्यान को बापस लो नही तो अनुसचित जाति, जनजाति एवम ओबीसी समाजआपके विरोध में आंदोलन शुरू करके आपकी और बीजेपी की मानसिकता की पोल खोल अभियान चलाकर 2022 के चुनाव में अपना असर दिखाएगा।