जिन नेताओं को श्री शान्ता कुमार जी ने उंगली पकड कर राजनीति सिखाई आज वे चुप क्यों :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक …
देश के पहले प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू जी की प्रतिमा की दुर्गति को देखकर श्री शान्ता कुमार जी ने मेरे हाथ में एक लाख रुपये का चैक व पत्र एस डी एम पालमपुर को दिया । पत्र में वर्णित तथ्यों से अवगत करवाते हुए श्री शान्ता कुमार जी ने एस डी एम महोदय से कहा था कि अविलम्ब हमारे देश के पहले प्रधानमन्त्री जी की इस प्रतिमा का जीर्णोद्धार किया जाए अगर यह राशि कम पड जाएगी तो वह ओर धन राशि मुहैया करवायेगें । इस तरह कांग्रेस के नेताओं को शर्म आने पर तत्कालीन राज्य सभा सांसद श्री आनंद शर्मा जी ने भी इस प्रतिमा के जीर्णोद्धार के लिए धन राशि स्वीकृत कर दी । इस तरह नेहरू जी की प्रतिमा के जीर्णोद्धार अर्थात अनावरण पर स्थानीय विधायक एवं प्रदेश सरकार के मुख्य संसदीय सचिव श्री आशीष बुटेल जी ने श्री शान्ता कुमार जी के योगदान के दृष्टि गत शिष्टाचार के नाते उन्हें भी आमंत्रित किया । इस पर सोशल मीडिया में जो टिप्पणियां एवं दुस्प्रचार श्री शान्ता कुमार जी के विरुद्ध किया गया सिवाय एक अखबार के सम्पादक महोदय द्वारा इन टिप्पणी कर्ताओं की तसल्ली करवाने के इलावा किसी भी नेता ने इन तत्वों के ऊपर प्रहार नहीं किया । अन्ततोगत्वा श्री शान्ता कुमार जी को ही प्रैस विज्ञप्ति जारी कर इन टिप्पणी कर्ताओं को आडे हाथॊं लेते हुए स्पष्टीकरण देना पडा । यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि पंजाब से संबध रखने वाले इन सम्पादक महोदय ने श्री शान्ता कुमार जी की तुलना भारत वर्ष के ऎसे दो महान नेताओं से की जो कि बेहद गर्व की बात है। इस लेख में लेखक ने घटित घटना का बडे सुन्दर शब्दो में उल्लेख किया है। लेकिन जिन नेताओं को श्री शान्ता कुमार ने उंगली से पकड़ कर राजनीति सिखाई जिसमें मैं भी शामिल हूँ ऎसे कई नेताओं को आज कहां से कहां तक पहुंचा दिया गया इन टिप्पणियाओं का माकूल जवाब इन्हें देना चाहिए था । जबकि आज सोशल मीडिया की चप्पे चप्पे पर बहुत बड़ी फोज तैनात हैं।