आज बहुत दुखी व उदास हूं मैं : शांता कुमार

सरकार को माफी मांगनी चाहिए

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RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief
Himachal Reporter Media Group

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मुझे इस बात की जरा भी आशा नहीं थी कि हिमाचल सरकार मेरे जैसे आपातकाल में जेल जाने वालों का इस प्रकार से अपमान करेगी।

सरकार द्वारा इस अपमानजनक व्यवहार से मैं बहुत अधिक आहत हुआ हूं। हम सब लोग देश की दूसरी आजादी की लड़ाई में जेल गए थे। विधानसभा में यह कहा गया कि पिछली सरकार ने चहेतों को पेंशन की खैरात दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार सम्मान प्रहरी पेंशन को लेकर विधानसभा में कांग्रेस की ओर से दिए गए बयान से आहत हैं। विधानसभा में कहा गया था कि सम्मान प्रहरी पेंशन पिछली सरकार ने चहेतों को खैरात में दी थी।

उन्होंने कहा कि आज से 48 साल पहले 1975 में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को एक जेल खाना बना दिया गया था। जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे लगभग 75 हजार लोगों को जेलों में डाल दिया था।पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार सम्मान प्रहरी पेंशन को लेकर विधानसभा में कांग्रेस की ओर से दिए गए बयान से आहत हैं। विधानसभा में कहा गया था कि सम्मान प्रहरी पेंशन पिछली सरकार ने चहेतों को खैरात में दी थी।

कोई दलील अपील नहीं थी। यहां तक कि संविधान में दिया गया जीने का मूल अधिकार भी समाप्त कर दिया गया था। भारत के इतिहास का यह सबसे बड़ा काला अध्याय था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट तरीके अपनाने पर इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया और चुनाव लडऩे के लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। केवल एक नेता की कुर्सी बचाने के लिए पूरे देश को जेल खाना बना दिया।

शांता कुमार ने कहा कि हम सब किसी सम्मान या पेंशन के लिए जेल नहीं गए थे। हमें चहेता कहना हम सबका और देश का बहुत बड़ा अपमान है।

अनुचित शब्दों का उपयोग उचित नहीं

शांता कुमार ने कहा सरकार को हमारे साथ किए इस अन्याय के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। हमें कोई सम्मान नहीं चाहिए, पेंशन भी नहीं चाहिए, परंतु ऐसे हल्के शब्दों का उपयोग करके यह अपमान बड़ा अन्याय है।

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