वर्षों पुरानी कांग्रेस पार्टी आज मजाक बन कर रह गयी है : शांता कुमार

मेरे लिए पार्टी से बढ़ कर मेरा देश

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वर्षों पुरानी कांग्रेस पार्टी आज मजाक बन कर रह गयी है : शांता कुमार
पालमपुर

Rajesh Suryavanshi
editor-in-chief

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत की सबसे पुरानी गांधी, पटेल और नेहरू की पार्टी भारत को आज़ादी दिलवाने वाली कांग्रेस पूरे देश में एक मज़ाक बन गई है। हैरानी यह है कि उसे आत्महत्या भी शालीनता से नही करने आ रही है।
उन्होंने कहा कांग्रेस देश में भाजपा के बाद एक मात्र राष्ट्रिय पार्टी है बाकी सभी एक प्रदेश या एक नेता परिवार की पार्टियां हैं। यदि कांग्रेस समाप्त हो जाए तो भारत का लोकतंत्र राष्ट्रिय विपक्ष विहीन हो जाएगा। लोकतंत्र का रथ दो पहियों पर चलता है। एक सत्ताधारी पार्टी और दूसरा विपक्ष।
शांता कुमार ने कहा आज सौभाग्य से विष्व में सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सफल नेतृत्व कर रहे है। परन्तु लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ और सशक्त विपक्ष का होना भी बहुत आवश्यक है। अटल जी कहा करते थे हमें हमेशा पार्टियों की छोटी दीवारों में ही नहीं रहना चाहिए इसलिए मैं यह बात राष्ट्र के मन्दिर में खड़ा होकर कह रहा हूँ।
उन्होंने कहा कांग्रेस के महारोग का एक ही ईलाज है कि कांग्रेस गांधी परिवार की गुलामी से बाहिर निकले। आज भी कांग्रेस में एक से एक बढ़ कर राष्ट्रिय नेता है। कै0 अमिन्द्र और शशि थरूर तथा कपिल सिब्बल देश के देशभक्त और अनुभवी नेता है।
शांता कुमार ने कहा जिस पार्टी ने पूरे देश को आजाद करवाया। वह एक परिवार की गुलामी में घुट -घुटकर मर रही है। इतिहास आंसु बहायेगा।
उन्होंने कै0 अमिन्द्र से आग्रह किया है वे कांग्रेस न छोड़े। गुलाम नवी आज़ाद, कपिल सिब्बल और थरूर जैसे नेताओं से मिलकर कांग्रेस पार्टी में आज़ादी की लड़ाई लड़ें और एक परिवार की गुलामी से बाहिर निकले। गांधी परिवार के इलावा कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक साथ इक्कठे बैठे। कांग्रेस के पुराने इतिहास को याद करे और फिर किसी एक नेता को अध्यक्ष बनाकर आगे बढ़े। उन्हें विश्वास है भारत को एक सशक्त और राष्ट्रिय विपक्ष मिल सकता है। यह देश की बहुत बड़ी सेवा होगी।
उन्होंने कहा वे हमेशा सबसे पहले एक भारतवासी के रूप में सोचते हैं।पार्टी कार्यकर्ता के रूप में ही नही। कांग्रेस की वर्तमान स्थिति से उन्हें कोई प्रसन्नता नही होती चिन्ता होती है। क्योंकि उनके सामने सबसे पहले मेरा देश है।

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