शराबबंदी की उड़ रही हैं खुलेआम धज्जियां
शराबबंदी के दौरान आराम से शराब मिल जाती है इसमें किसका फायदा हो रहा है, पीने वालों का, सरकार का या माफियाओं का
शराबबंदी की उड़ रही हैं खुलेआम धज्जियां
INDIA REPORTER NEWS,
PALAMPUR : B.K. SOOD
SENIOR EDITOR
बिहार गुजरात आदि राज्य में पूर्ण शराबबंदी है ,लेकिन शराबबंदी की किस तरह से खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं यह आज News24 की operation silent रिपोर्ट में साबित हो गया। ₹100 की शराब ₹300 में बिकती है यानी शराब से सीधे 300 प्रतिशत महंगी आसानी से मिल जाती है ।
अब इसमें किसका फायदा हो रहा है, पीने वालों का, सरकार का या माफियाओं का यह निर्णय आप खुद कीजिए ।इससे अच्छा तो शराबबंदी ना होती तो सरकार को ₹100 की शराब में से 20 ₹30 का राजस्व तो मिल जाते । और वह जनकल्याण में खर्च हो जाते लेकिन अब शराबबंदी के दौरान आराम से शराब मिल जाती है और बिहार हो या गुजरात शराब माफियाओं द्वारा एक पैरेलल इकोनामी चलाई जा रही है जिससे सरकार का नुकसान कम और पीने वालों का नुकसान ज्यादा तथा मुनाफा केवल माफियाओं का। छपरा दरभंगा आदि में यही हाल है।
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस रेट फिक्स होती है शराब होटल में ही नहीं आप अपने घर पर ही मंगवा सकते हैं। अपने खेतों पर मंगवा सकते हैं। अपनी गाड़ी में मंगवा सकते हैं ।ऐसी शराबबंदी से तो शराबबंदी ना होना ही बेहतर उपाय है ।क्योंकि लोग जब चोरी-छिपे पीते हैं तो मिलावटी शराब भी बहुत बिकती हैं जिससे लोगों की सेहत और पैसे दोनों का ही बर्बादी होती है। और सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं आता।
इतिहास गवाह है कि जहां-जहां भी शराब बंदी लागू हुई है वह फेल ही हुई है। रिपोर्ट के अनुसार पंजाब और हरियाणा से बिहार में खूब तस्करी होती है ,हिमाचल का नाम भी रिपोर्ट में दिखाया जा रहा है। इसी तरह का हाल अवैध खनन का भी है जहां-जहां भी खनन पर पाबंदी है वहां वहां अवैध खनन खूब फलता फूलता है। सरकार को जहां राजस्व का नुकसान होता है वहीं पर अवैध खनन की कोई सीमा है ही नहीं, और ना ही उस पर कोई नियम लागू होता है । वह जहां चाहे जैसे चाहे चोरी-छिपे खनन करते हैं अन्यथा अवैध खनन पर कुछ नियम व शर्तें लागू होती हैं ,जिससे पर्यावरण भी बचा रहता है। परंतु हमारे देश में किसी भी कानून की धज्जियां उड़ाना बहुत आसान है बशर्ते आपके पास खूब पैसे हो और छत्रछाया भी आपके सर पर हो।
शराब के ठेकों की नीलामी पर जहां ठेकों के हिसाब से नीलामी आती है वहीं पर अवैध शराब के धंधे पर रोड के हिसाब से ठेके vender अवैध रूप से आवंटित किए जाते हैं और एक फिक्स्ड अमाउंट दिया जाता है ।
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