एम्स के 45 सुपर स्पेशलिस्ट आज से देंगे टेलीमेडिसिन सेवा

Great news for Himachal speciality during covid and cold period

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुर से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने जा रहा है

BKSOOD: senior executive editor

Bksood: SENIOR
EXECUTIVE EDITOR

टेली मेडिसन की सुविधा बहुत सुविधाजनक होती है और विशेषकर हिमाचल प्रदेश जैसे दुर्गम राज्यों में यह सुविधा कारगर सिद्ध हो सकती है क्योंकि लोगों को हिमाचल में डॉक्टर के पास आने जाने के लिए काफी लंबा और कठिन सफर तय करना पड़ता है जिससे उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है अगर यह योजना सफल रहती है तो लोगों के जीवन में एक बेहतरीन बदलाव आने की संभावना है कोरोना काल में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करने के बाद अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा प्रदेश के लोगों के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू करने जा रहा है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार को शिमला से ऑनलाइन करेंगे। सेवा शुरू होने के बाद संस्थान के 50 सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक प्रदेश के लोगों का टेलीमेडिसिन यानी दूर चिकित्सा सेवा के माध्यम से उपचार मिला करेगा।

 

एम्स के उप निदेशक डॉ. सुखदेव नाग्याल ने बताया कि शुक्रवार को एम्स के करीब 50 चिकित्सकों को ई-संजीवनी पर प्रशिक्षण दिया गया। यह भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म है। चिकित्सकों को सिखाया गया कि कैसे इसे ऑपरेट करना है। किस तरह मरीजों को सेवाएं देनी हैं। इस प्लेटफार्म पर सेवाएं देने वाले सभी चिकित्सक सुपर स्पेशलिस्ट हैं।

राजेश सूर्यवंशी एडिटर इन चीफ

मरीज को ई-संजीवनी पर पंजीकरण करवाना होगा। उसके बात अपने आप आगे की प्रक्रिया पूरी होगी और बीमारी से संबंधित डॉक्टर की ओपीडी में केस दिया जाएगा। कोरोना कर्फ्यू में अब इस सेवा के जरिये मरीज घर बैठे ही सामान्य बीमारियों के संबंध में डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। जनरल मेडिसन, गायनी, ईएनटी, दंत रोग, शिशु विशेषज्ञ, नेत्र, हड्डी और त्वचा सहित अन्य विशेषज्ञ टेलीमेडिसिन के जरिये लोगों का इलाज करेंगे।

हिमाचल प्रदेश में टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू होने से लोगों को बहुत राहत मिलेगी तथा दूर दराज के क्षेत्रों में बैठे लोग घर बैठे ही अपने इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करके इलाज शुरू कर पाएंगे

 

 

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