हिमाचल प्रदेश के NPS कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी राहत,: सूत्र

Old pension scheme के तहत मिल सकती है फैमिली पेंशन :सूत्र

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बीके सूद सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर एंड राजेश सूर्यवंशी एडिटर इन चीफ

राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को 15 मई 2003 के बाद न्यू पेंशन स्कीम के तहत लाया गया था जिसमें कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था से असंबद्ध कर दिया गया था परंतु राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारी हमेशा से इस न्यू पेंशन स्कीम का विरोध करते आ रहे हैं तथा वह सरकार पर बार-बार दबाव बना रहे हैं कि उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत ही पेंशन दी जाए कर्मचारी नेताओं का कहना है कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत उन्हें नाम मात्र की पेंशन मिलेगी और पेंशन से जुड़े अन्य संबंधित लाभ भी उन्हें नहीं मिलेंगे जिसमे फैमिली पेंशन भी शामिल है।

हिमाचल प्रदेश के करीब 95 हजार एनपीएस कर्मचारियों को राज्य सरकार बड़ी राहत दे सकती है। इनमें से किसी भी कर्मचारी की असामयिक मृत्यु या अपंगता की स्थिति में उनके परिवार के लिए पुरानी पेंशन योजना के तहत फेमिली पेंशन देने पर सरकार विचार कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में बनाए नियमों का अध्ययन किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के नए नियमों में यह प्रावधान किया है कि अब संबंधित कर्मचारियों के परिजनों को मृत्यु या अपंगता की स्थिति में पुरानी पेशन योजना के मुताबिक ही फेमिली पेंशन दी जाए।

शर्त यह होगी कि उन्हें नियुक्ति के दौरान यह स्वेच्छा से लिखित रूप से देना होगा कि मृत्यु या अपंगता की स्थिति में वे कंट्रीब्यूटरी पेंशन लगाना चाहते हैं या पुरानी पेंशन योजना के तहत परिवार पेंशन लगवाना चाहते हैं। हिमाचल में राष्ट्रीय पेंशन स्कीम का हवाला देते हुए अभी तक कंट्रीब्यूटरी पेंशन की व्यवस्था ही है। इसके लिए 10 प्रतिशत अंश कर्मचारी के वेतन और 14 प्रतिशत अंशदान सरकार की ओर से जमा किया जाता है।

इस समाचार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एनपीएस इन पालमपुर ब्लॉक के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय सरकार की वह सारी घोषणाएं कबूल करने चाहिए जो उन्होंने एनपीएस कर्मचारियों के बारे में लागू की हैं ।

एक तरफ तो राज्य सरकार केंद्र सरकार के एनपीएस के निर्णय को लागू कर रही है परंतु दूसरी ओर एनपीएस पर केंद्रीय सरकार द्वारा लिए जा रहा है फैसलों पर टालमटोल की नीति अपनाए हुए हैं जो कि कर्मचारियों के हित में नहीं है उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कर्मचारियों को डेथ ग्रेच्युटी 1 हफ्ते के अंदर दी जानी चाहिए क्योंकि एनपीएस के अंदर आए कर्मचारियों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह किसी भी  अकस्मात खर्चे को वहन कर सकें।

राजीव शर्मा ने कहा कि विद्युत विभाग तथा जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों को भी फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाए जैसा कि अन्य फ्रंटलाइन वर्कर को लाभ मिलता है वैसा ही लाभ उन्हें भी दिया जाए इस कटागिरी में जो अध्यापक वर्ग तथा अन्य कर्मचारी कोविड सेंटर में ड्यूटी दे रहे हैं उन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाए ताकि उन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर का लाभ मिल सके क्योंकि संक्रमण का खतरा उन्हें भी बना रहता है।

 

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