मानवता की सेवा के लिए आगे आएं धार्मिक संस्थाएं : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न धार्मिक संस्थाएं मुख्यमंत्री कोविड-19 फंड में उदारतापूर्वक अंशदान कर प्रदेश सरकार की सहायता के लिए आगे आई हैं
कोरोना महामारी के दौरान मानवता की सेवा में सभी धार्मिक नेताओं को अपने संबंधित समुदायों को प्रेरित करने के लिए आगे आना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से राज्य के विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न धार्मिक संस्थाएं मुख्यमंत्री कोविड-19 फंड में उदारतापूर्वक अंशदान कर प्रदेश सरकार की सहायता के लिए आगे आई हैं तथा प्रदेश में अपनी उपलब्ध अधोसंरचना को कोविड अस्पतालों के तौर पर उपयोग के लिए उपलब्ध करवाया है। उन्होंने धार्मिक संस्थाओं से होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की सहायता करने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं को आम जनता को कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने संस्थाओं को अपने अनुयायियों को इस मुश्किल समय में जरूरतमंद लोगों की उदारता से सहायता करने के लिए प्रेरित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने धार्मिक संस्थाओं से कोविड-19 के कारण मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों की सहायता करने का भी आग्रह किया, क्योंकि इस वायरस के कारण यह एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के लगभग 90 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं, इसलिए उन्हें श्रेष्ठ चिकित्सा उपचार प्रदान करने के साथ-साथ उनका मनोबल बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि धार्मिक संस्थाएं कोविड-19 मरीजों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। शिक्षा, भाषा एवं संस्कृति मंत्री श्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान धार्मिक नेता प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करने के लिए राज्य के लोगों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस अवसर पर सांसद श्री सुरेश कश्यप ने भी अपने विचार साझा किए। सचिव स्वास्थ्य अमिताभ अवस्थी ने कहा कि धार्मिक नेता लोगों को इस महामारी के खिलाफ एकजुटता से लड़ने में प्रेरित करने के लिए प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के लगभग 40 हजार सक्रिय मामले हैं और इस वायरस के कारण लगभग 2100 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है। उन्होंने धार्मिक नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने सम्बन्धित समुदाय के लोगों में कोविड के लक्षण पाए जाने की स्थिति में उनसे कोविड-19 की जांच करवाने की अपील करें। उन्होेने कहा कि उपचार मेें देरी के कारण मृत्यु दर मे बढ़ौतरी होती है। उन्होेंने धार्मिक नेताओं से कोविड-19 फंड में उदारतापूर्वक अंशदान करने का आग्रह किया जो संकट के समय में जरूरतमंद लोगोें की मदद करने में सहायक सिद्ध होगा।