हिमाचल प्रदेश मेंं कोरोना कर्फ्यू नहीं, बल्कि व्यापारी कर्फ्यू लगा है।
सुमेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट में लिए गए फैसले का हम विरोध करते हैं।
BK Sood सीनियर एग्क्यूटिव एडिटर एंड राजेश सूर्यवंशी एडिटर इन चीफ
हिमाचल प्रदेश मेंं कोरोना कर्फ्यू, बल्कि व्यापारी कफ्र्यू लगा है। यह बात हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष सोमेश कुमार शर्मा ने कही। रविवार को पूरे प्रदेश भर के व्यापारियों संग वर्चुल मीटिंग के बाद ऊना में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सुमेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट में लिए गए फैसले का हम विरोध करते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोबारियों को लेकर कोई रणनीति नहीं बनाई, तो अगर 19 मई बुधवार को प्रदेश के सभी व्यापारी सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक अपनी दुकानें खोलेंगे। धारा-144 की भी उल्लंघना करेंगे। अगर पुलिस किसी कारोबारी पर केस दर्ज करती है, तो पूरे प्रदेश के कारोबारी परिवारों सहित सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि पंजाब की तर्ज सभी दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए, ताकि कोरोबारियों को आर्थिक तंगी का बोझ न पड़े।
सोमेश शर्मा ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू, के समय सड़कों पर काफी भीड़ देखी जा रही है। किसी को कोई पूछने वाला नहीं है। कोरोना कर्फ्यू, दौरान सभी उद्योग खुले हुए हैं, जहां पर पांच-पांच हजार कामगार काम करते है। भवनों के निर्माण में भी सैंकड़ो लोग एक साथ काम करते है, लेकिन कुछ दुकानों को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि व्यापारी किसी को भी एकत्रित नहीं करते, बावजूद इसके दुकानों को बंद करना प्रदेश सरकार का सही फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से हर व्यापारी 500 से लेकर 50 हजार रुपये तक का नुक्सान उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान प्रदेश के कोरोबारियों ने एक स्वर में सभी दुकानें खोलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने सरकार के लिए एक रोड़ मैप तैयार किया है, जिसके मुताबिक व्यापारी दुकानें खोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में लिया गया व्यापारियों के फैसले पर पुन: विचार किया जाए और एक नई sop जाारी करे नही तो सभी व्यापारी 19 मई से चार घंटे के लिए सभी दुकानें खोल देंगे। सोमेश शर्मा ने कहा कि हमारी इस लड़ाई में सभी चुने हुए प्रतिनिधि व राजनैतिक पार्टियों के नेता भी इस सकंट में साथ दें, तभी व्यापारी वर्ग उनका साथ देंगे। अगर वो भी हमारा साथ नहीं देते, तो सभी का वहिष्कार किया जाएगा और न ही वोट डालेंगे। अब गेंद प्रदेश सरकार के पाले में है। देखना यह है कि प्रदेश सरकार व्यापारियों की मांगों को लेकर क्या रणनीति तैयार करती है और कैसे व्यापारियों के विरोध को शांत करती है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के महामंत्री राकेश कैलाश भी उपस्थित रहे।