SM Eye Hospital के *बेमिसाल-32 साल*, देवभूमि हिमाचल की हसीन वादियों और देवदर्शन सहित आंखों का ईलाज, और हिमाचल में मेडिकल टूरिज्म की अभूतपूर्व Entry, अब पूरा होगा FELLOWSHIP करवाने का सपना : Dr. Sandeep Mahajan
पूज्नीय माता श्रीमती ललिता देवी महाजन व पिताश्री स्व. रौशन लाल महाजन के होनहार सुपुत्र Dr. Sandeep Mahajan द्वारा संचालित SM Eye Hospital कांगड़ा आज अपनी स्थापना के ^बेमिसाल 32 साल* का सफर पूरा कर रहा है।
अस्पताल के MANAGING DIRECTOR डा. संदीप महाजन आंखों से संबंधित मेडिकल टूरिज्म को यहां विकसित करना चाहते हैं।
उनका मानना है कि देश-विदेश से लोग देवी-देवताओं के दर्शन भी करें व हिमालय की हसीन वादियों में कांगड़ा घाटी में अनमोल समय गुजारने के साथ ही SM EYE HOSPITAL KANGRA में आंखों की विभिन्न बीमारियों से भी छुटकारा पाएं।
आपको यह बताना आवश्यक है कि अस्सी के दशक में डा. संदीप महाजन ने अपने पूज्य पिता के आग्रह पर मुंबई में नौकरी छोड़ प्रदेशवासियों की आंखों का इलाज यहां शुरू किया था।
सिविल अस्पताल कांगड़ा के नेत्र विभाग में टॉर्च की रोशनी में एक अदद सहायक के साथ यह सिलसिला शुरू हुआ और मरीजों की कतारें ओपीडी के बाहर लगनी शुरू हो गई।
अपने गुरु और अध्यापक पद्मश्री प्रोफेसर डा. दलजीत सिंह द्वारा मेडिकल कालेज अमृतसर द्वारा सिखाई गई लेंस डालने की विधि से यहां लोगों का ईलाज शुरू किया।
डॉ संदीप महाजन की जीवन संगिनी डॉ मनिला महाजन भी SM Eye Hospital की उन्नति में डॉ संदीप के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर चल रही हैं। उनके मिलनसार व कर्तव्यनिष्ठ होने का प्रभाव अस्पताल की तरक्की में स्पष्ट नज़र आता है।
हिमाचलवासियों को सफेद मोतिया की यह ऑपरेशन की विधि जो देशभर के उच्चतम संस्थानों में भी नाममात्र थी। साल 1985 में यह आश्चर्यचकित कर देने वाला था क्योंकि उसी समय इससे पूरी रोशनी लौट आती थी।
एसएमआई आंखों के अस्पताल की स्थापना हुई और इस यात्रा में सन 2012- 13 में डा संदीप महाजन द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन करना उस समय की बड़ी उपलब्धि थी।
डा. संदीप महाजन कहते हैं ….
यह संस्थान कहने को तो प्राइवेट अस्पताल है पर यहां पर कोई भी मरीज पैसों की कमी के कारण बिना इलाज के वापस नहीं गया है।
2010 में घुरकड़ी में सर्जिकल सेंटर स्थापित किया गया। यह अपने आप में देशभर में एक उदाहरण है कि इस सेंटर में केवल लेजर ऑपरेशन किए जाते हैं।
डा. गीतांजलि सूद प्रदेश भर में सबसे योग्य रेटिना सर्जन है।
डा. अदिति पराशर ने रेटिना की फैलोशिप अरविंद आई इंस्टीच्यूट कोयम्बटूर से की है जबकि डा. शिल्पा सूद ने रेटिना की फैलोशिप ऑफ आई हॉस्पिटल दिल्ली से की है।
डाक्टर रवि गर्ग फेको द्वारा सफेद मोतिया का ऑपरेशन करने में निपुण है।
डा. संदीप महाजन का सपना है कि हिमाचलवासियों को आंखों के रोगों के निदान हेतु बाहर न जाना पड़े और एसएमआई इंस्टीच्यूट के विशेषज्ञों द्वारा इसे पूरा किया जा रहा है। भविष्य में आंखों के डाक्टर इस इंस्टीच्यूट में विभिन्न प्रकार की आंखों की जटिल बीमारियों के इलाज के लिए फैलोशिप करें उनका यह सपना भी पूरा होगा।
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