सोना सूद की खूबसूरत चंद पंक्तियाँ : खुद शमशान तक भी न जा पाऊँगा, इसलिए दोस्त बनाता हूँ

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******* *बहुत सुंदर पंक्तियाँ******

SONA SOOD/PALAMPUR

MUNICIPAL COUNCILLOR

Mob : 9816242760

*”रहता हूं किराये की काया में,*
*रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूँ।*

*मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी,*
*बातें मैं महल मिनारों की कर जाता हूँ।*

*जल जायेगी ये मेरी काया एक दिन,*
*फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूँ।*

*मुझे पता हैे मैं खुद के सहारे श्मशान तक भी ना जा सकूंगा*
*इसीलिए जमाने में दोस्त बनाता हूँ!

जय सच्चिदानंद जी

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