माननीय शान्ता कुमार जी से गुहार, बचा लीजिए विवेकानन्द हॉस्पिटल को…सूद सभा पालमपुर एक बार फिर आई मदद के लिए आगे, क्यों नहीं पसीज रहा शांता जी का दिल!…जब सभी बढ़ा रहे मदद के हाथ, तो थोड़ा सा आप भी दीजिये साथ, आप ही तो हैं VMRT के चेयरमैन
शांता कुमार जी से सूद परिवार व आम लोगों को बहुत है अपेक्षाएँ
*सूद सभा पालमपुर एक बार फिर से मदद के लिए आई आगे !
सूद सभा पालमपुर ने एक बार फिर से पपरोला बैजनाथ कि एक सूद परिवार जिनका 26 जनवरी को एक्सीडेंट हो गया था तथा उसके पश्चात वह सज्जन बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं और उनका इलाज विवेकानंद हॉस्पिटल पालमपुर में चल रहा है।
इस परिवार की सहायता के लिए सूद सभा ने आगे हाथ आगे बढ़ाया है और उन्हें कुछ आर्थिक सहायता प्रदान की है।
इस बात की जानकारी देते हुए सूद सभा पालमपुर के संरक्षक डॉ अनिल सूद पूर्व डायरेक्टर सीएसआइआर आईएचबीटी व अजीत बाघला ने बताया कि यह परिवार अपना अच्छा खासा बिजनेस कर रहा था परंतु 26 जनवरी को एक बाइक सवार ने इन्हें टक्कर मारी और यह कोमा में चले गए, तब से लेकर आज तक इनके इलाज पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं और कारोबार भी ठप हो गया है। इस तरह की इनकी मजबूरी तथा इमरजेंसी को देखते हुए सूद सभा पालमपुर में इनकी मदद करने का निश्चय किया है जिसकी पहली किस्त इन्हें दे दी गई है ।उन्होंने बताया कि सूद सभा चंडीगढ़ और सार्वदेशिक सूद सभा चंडीगढ़ तथा सूद सभा धर्मशाला द्वारा भी इनकी मदद की जानी अपेक्षित है जिसे शीघ्र ही इन्हें प्रदान कर दिया जाएगा।
सूद सभा पालमपुर ने सूद सभा चंडीगढ़ सार्वदेशिक सूद सभा चंडीगढ़ तथा सूद सभा धर्मशाला का भी धन्यवाद किया है कि उन्होंने उनकी एक कॉल पर इस परिवार की मदद की है।*
संपादकीय टिप्पणी :-
जैसाकि सर्वविदित है कि मौके पर जाकर पपरोला के इस पीड़ित सूद परिवार की व्यथा को हमने शांता कुमार जी के सम्मुख प्रमुखता से उठाया था। विवेकानंद हॉस्पिटल में यह हंसता-खेलता, रस्ता-बसता परिवार अपना सर्वस्व लुटा चुका है लेकिन उनके हाथ आज भी खाली हैं। मरीज़ 26 जनवरी से कोमा में है। परिस्थितियां नियंत्रण से बाहर जा चुकी हैं। हर पल आशा और निराशा के खेल में परिवारजन तड़प-तड़प कर जी रहे हैं। सत्य है कि जब नैय्या का खेवनहार ही 6 माह से कोमा में है तो परिवार की क्या आर्थिक और मानसिक स्थिति होगी!
13 जून को यह समाचार छपा था।