St. Paul’s School पर छाए निराशा के बादल, प्रिंसीपल और अधिकारियों के बीच कथित मिलीभगत

PWD के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

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St. Paul’s School पर छाए निराशा के बादल (1)

प्रिंसीपल वीपी सिंह के हाथों से छूटती जा रही है स्कूल की डोर

PWD के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

प्रिंसीपल और अधिकारियों के बीच कथित मिलीभगत

INDIA REPORTER NEWS
PALAMPUR

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को लूटा और चलते बने! इसी राह पर चर्च ऑफ नार्थ इंडिया भी आगे बढ़ता जा रहा है! 2013 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के अस्तित्व को समाप्त कर दिया परन्तु पैसे के दम पर आज भी अमृतसर डायोसीसन ट्रस्ट एसोसिएशन को अपना बता कर लोगों तथा प्रशासन को अच्छे से बेवकूफ बनाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ी! हद तो तब हो गयी जब पुलिस के एक आला ज़िला अधिकारी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की प्रतिलिपि देने पर जवाब मिला कि यह तो कोई आदेश नहीं है परन्तु वकीलों की दलीलें हैं! भगवान् बुद्ध को जो ज्ञान गया में प्राप्त हुआ वह उनके पास जाने वालों को जिला पुलिस मुख्यालय में प्राप्त हो गया! अब यह तो वही जानें और उनकी मंशा , उन्होंने ऐसा बेहूदा मज़ाक क्यों किया।

एक वर्ष पूर्व सेंट पॉल्स स्कूल जिसको किसी पहचान की आवशयकता नहीं है में इमारतों को खतरा बता कर तोड़ने का क्रम शुरू हुआ। वास्तव में यह तोड़-फोड़ केवल धन अर्जित करने के लिए हो रही थी जो आज भी प्रशासन को मूर्ख बनाकर बदस्तूर जारी है क्योँकि अब चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की विदाई का समय बहुत निकट है !

सेंट पॉल्स स्कूल की एक पुरानी इमारत जब तोड़ी जाने लगी तब अमृतसर डायोसीसन ट्रस्ट एसोसिएशन जिसके अध्यक्ष डॉ रॉक्स बरनबास संधू हैं जो महा धर्माध्यक्ष एंगलिकन चर्च ऑफ इंडिया डायोसीस ऑफ अमृतसर CIPBC के बिशप हैं तथा 12 टेलर रोड स्तिथ कार्यालय से काम करते हैं ने अपने प्रतिनिधि श्री एज्रा जेम्स शॉ जो की अटॉर्नी के विशेष अधिकारी भी हैं को आदेश दिया की मामले की जांच करवाई जाए!

श्री एज्रा जेम्स शॉ ने पालमपुर स्थित न्यायालय में केस दायर किया ! अमृतसर डायोसीसन ट्रस्ट एसोसिएशन बनाम वीरेंदर पल सिंहद्ध ईमारत की जांच के लिए माननीय अदालत ने पी डब्लू डी के अधिशाषी अभियंता को जांच का जिम्मा सौंपा तथा यह भी आदेश हुआ की दोनों पक्षों से 2500-2500 रुपये लिए जाएं तथा दोनों पक्ष ईमारत की जांच के समाय मौजूद रहे !

कुछ समाया बाद स्कूल की ईमारत देखते.देखते धराशाई हो गयी! पूछने पर पता लगा अधिशाषी अभियान्यता ने अपनी रिपोर्ट अदालत में दे दी है ! तुरंत उसकी प्रतिलिपि निकलवाने पर पता चला की अधिशाषी अभियंता की रिपोर्ट में साफ लिखा था की दोनों पक्षों के सामने ईमारत की जांच की गयी! और हो सकता है पुरानी होने के कारण खतरा बने परन्तु तोड़ने के आदेश नहीं थे ! ऐसी क्या आवश्यकता पड़ी की तुरंत ईमारत तोड़ी गयी और दुसरे पक्ष को सूचित भी नहीं किया गया घ् यहाँ दोनों वीरेंदर पल सिंह और पी डब्लू डी के अधिशाषी अभियंता की मंशा शक के घेरे में आती है ! हमने मामला मुख्यअभियंता पी डब्लू डी जो शिमला में बैठते हैं उनके समक्ष उठाया ! मामले के जांच चली पर क्या हुआ कोई पता नहीं ! माननीय मुख्यमंत्री जी को सूचित किया था तो बीच.बीच में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन आते रहे पर बेनतीजा !

अभी पांच महीने पहले जांच के लिए पालमपुर स्थित पी डब्लू डी के दफ्तर एज्रा जेम्स शॉ को बुलाया गया तथा दुसरे पक्ष से वीरेंदर पल सिंह पधारे जो यह बोले की किसके सामने ईमारत गिरायी गयी यह उनको भी नहीं पता !

एक मजेदार बात जांच अधिकारी बोले हमने आपको चार दफा आने के लिए लिखित रूप में सूचित किया था हमने बोलै हमको कोई सूचना नहीं मिली न लिखित न मौखिक तो बोले हमारे पास डाक खाने की रसीद मौजूद है परन्तु पांचवी बार हमको रजिस्टर्ड पत्र मिल गया ! पहल चार दफा शायद डाकिया रास्ता भूल गया था !

बहरहाल जांच की अगली तिथि का कोई पता नहीं क्योँकि महकमे के अफसर की बात है तो बचाना तो बनता है चाहे किसी का कोई भी नुक्सान क्योँ न हो जाए ! और एक बात जिस ईमारत को इतना बड़ा खतरा बता कर गिरा दिया गया उसकी सगी बहन माननीय जिलाधीश महोदय का निवास स्थान है जो आज भी कायम है यदि इतनी खतरनाक स्तिथि है तो ऐसी सब इमारतों को गिरा देना चाहिए!

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