भुंतर पुल पर बेसहारा पशुओं का आतंक, राहगीरों को खतरा
भुंतर पुल पर बेसहारा पशुओं का आतंक, राहगीरों को खतरा
भुंतर, हिमाचल प्रदेश
मुनीष कौंडल, चीफ एडिटर
भुंतर का लाल पुल बेसहारा पशुओं का ठिकाना बन गया है, जिससे राहगीरों, स्कूली बच्चों, महिलाओं और वाहन चालकों को खतरा हो गया है। बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने समस्या का समाधान नहीं किया है।
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, पुल पर बेसहारा मवेशी, कुत्ते और अन्य पशु इकट्ठे हो गए हैं, जिससे पैदल यात्रियों और वाहन चालकों में दहशत है। कई लोग घायल हुए हैं और कुछ की मौत भी हो चुकी है।
स्थानीय निवासी रोहिणी शर्मा ने कहा, “हम स्कूल के समय में पुल से गुजरने से डरते हैं। पशुओं की हरकतें अनिश्चित हैं, और हम अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं।”
राहगीरों ने अधिकारियों की लापरवाही पर निराशा व्यक्त की है। रमेश कुमार, एक दैनिक यात्री ने कहा, “हमने कई बार अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।”
इस मुद्दे ने मानवों और पशुओं दोनों के कल्याण को लेकर चिंता जताई है। पशु अधिकार कार्यकर्ता सुनीता ठाकुर ने कहा, “सरकार को बेसहारा पशुओं की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”
मांगें
1. पुल से बेसहारा पशुओं को तत्काल हटाना।
2. पशु आश्रयों और पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था।
3. पशु संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बढ़ी हुई गश्त और निगरानी।
4. बेसहारा पशुओं की समस्या के मूल कारण का समाधान करने के लिए सरकारी पहल।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
स्थानीय अधिकारियों ने आवश्यक कार्रवाई करने का वादा किया। एक अधिकारी ने कहा, “हम पशु कल्याण संगठनों के साथ मिलकर समस्या का समाधान करेंगे।”
जनता की प्रतिक्रिया:
निवासियों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा और कार्रवाई की मांग व्यक्त की है।
“यह शर्म की बात है! हम अपने शहर में पर्यटकों को कैसे आमंत्रित कर सकते हैं जब हमारे अपने निवासी सुरक्षित नहीं हैं?” – @BhuntarResident
“सरकार, जागो! बेसहारा पशुओं की जिम्मेदारी लेने का समय आ गया है।” – @AnimalLoverHP
स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और राहगीर समस्या का शीघ्र समाधान चाहते हैं।