केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों का आह्वान
28-29 मार्च 2022
मजदूरों व कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल
मुख्य माँगें
44 श्रम कानूनों को खत्म करके बनाई गई मजदूर विरोधी व श्रम संहिताओं (लेबर कोड) का निर्णय वापिस लो।
● किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुविधा दो। स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशें लागू करो।
→ न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये घोषित करो। केंद्र व राज्य में एक समान वेतन दो। आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा व अन्य योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करो। नई शिक्षा नीति वापिस लो।
सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश व निजीकरण बन्द करो। नेशनल मोनेटाईजेशन पाईपलाईन वापिस लो।
→ सभी मजदूरों को ईपीएफ, ईएसआई. ग्रेच्युटी, नियमित रोजगार, पेंशन व दुर्घटना लाभ आदि सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाओ। ● मनरेगा व निर्माण मजदूरों की पेंशन 2 हजार रुपये लागू करो। उनके सभी लाभों में बढ़ोतरी करो।
निर्माण मजदूरों को वाशिंग मशीन, साईकल, हॉटकेस, वाटर फिल्टर, इंडक्शन हीटर, सोलर लैंप, चार कंबल, टिफिन, डिनर सेट इत्यादि की सुविधा पूर्ववत लागू करो।
मनरेगा में 200 दिन का रोजगार दो व 300 रूपये दिहाड़ी लागू करो। → कांटेक्ट फिक्स टर्म, आउटसोर्स, टैम्परेरी, पार्ट टाईम व ठेका प्रणाली की जगह नियमित रोजगार दो।
सेवाकाल के दौरान मृत कर्मचारियों के आश्रितों को बिना शर्त करुणामुलक आधार पर नौकरी दो नई पेंशन नीति (एनपीएस) वापिस लो। पुरानी पेंशन नीति (ओपीएस) बहाल करो।
मोटर व्हीकल एक्ट में परिवहन मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव वापिस लो।
भारी महंगाई पर रोक लगाओ। खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतें कम करो। रेहड़ी, फड़ी तयबजारी के लिए स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट को सख्ती से लागू करो।
हिमाचल प्रदेश के उद्यमों में प्रदेश के युवाओं को 80 प्रतिशत रोज़गार दो। सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार समान काम का समान वेतन दो
INTUC, AITUC, CITU, HMS, NZIEA, BSNLEU, BEFT
हि.प्र. केन्द्रीय कर्मचारी समन्वय समिति