सीएम सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा का नाम मंत्री पद के लिए लगभग तय माना जा रहा था. लेकिन आखिरी वक्त में उनका नाम काट दिया गया.
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में अब भी तीन मंत्री पद खाली पड़े हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कई ऐसे विधायकों के नाम अंतिम वक्त पर काटे गए, जिनका मंत्री पद लगभग तय माना जा रहा था, इनमें से ही एक बड़ा नाम धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा का भी है जो सदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अंग-संग रहा करते थे।
सुधीर शर्मा का परिचय
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा पूर्व मंत्री पंडित संतराम के बेटे हैं।
पंडित संतराम वीरभद्र सिंह कैबिनेट में वरिष्ठ सदस्य रहे हैं।
सुधीर शर्मा खुद साल 2003 में विधायक के तौर पर चुनाव जीते।
साल 2012 में लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद वह वीरभद्र कैबिनेट का भी हिस्सा रहे।
उन्हें वीरभद्र सिंह की सरकार में शहरी विकास मंत्री का पद दिया गया था।
परिचय से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका मंत्री पद सुक्खू कैबिनेट में तय ही था।
लगातार अनदेखी के चलते , गुप्त सूत्रों के अनुसार उनका अपने साथियों सहित भाजपा में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है।
आने वाले कुछ माह में हिमाचल प्रदेश की राजनीति का पारा काफी ऊपर चढ़ सकता है।
भावी भाजपा सरकार में उन्हें बड़ा पद ऑफर किया जा सकता है।