मुख्यमंत्री सुक्खु फ़रिश्ता बन के आये भूख से तड़प रहे रामचंद के अंधकारमय जीवन में, एक घंटे में पलट दिया किस्मत के मारे रामचंद का भाग्य, ऐसे यशस्वी मुख्यमंत्री को शत शत नमन
देश के अन्य राजनीतिज्ञों को सबक लेना चाहिए मुख्यमंत्री सुक्खु की कार्यशैली से
*निराशा से आशा की ओर*
रामचंद ने बिलखते हुए कहा- “भूख से तड़प रहा है मेरा परिवार 5 दिन से पानी पी पी कर भी कैसे पेट भरेगा और कब तक”
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु ने कमाल कर दिया । 1 घंटे में ही गरीबी से तड़प रहे परिवार को पहुंचा डाली रहता मिशन अगेंस्ट करप्शन सोसाइटी ने भी बढ़ाया मदद का हाथ
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा मुख्यमंत्री होगा जिसने मात्र 1 घंटे के भीतर ही 5 दिन से भूख से तड़प रहे, पानी पीकर गुज़रा कर रहे अति निर्धन परिवार का बांटा होगा दर्द
दोस्तो, आज भी हमारे प्रदेश में बहुत से ऐसे गरीब, लाचार और ज़रूरत मंद लोग हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही। उनका जीवन ठहर सा गया है।
हालात ऐसे दर्दनाक हैं कि जिंदगी भी उन्हें मुंह चिढ़ाती प्रतीत होती है। बीवी बच्चे कई दिनों से भूख से तड़प रहे हैं। पानी पी-पीकर पेट भरने को मजबूर हैं परिवारजन।
ऐसा ही एक अति निर्धन, असहाय, लाचार, बेरोजगार और अपंग व्यक्ति है रामचंद जिसकी एक बाजू और एक टांग कट चुकी है। शरीर भी रोगग्रस्त है।जर्जर है। आय का साधन शून्य है। घर में पत्नी और एक बेटा है जो सरकारी स्कूल में नवीं कक्षा में पढ़ रहा है।
ज़िला कांगड़ा के रानीताल क्षेत्र से एक किलोमीटर दूर पगवार गांव के निवासी रामचंद की दर्दनाक आपबीती सुनकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे।
तकदीर ने उसके साथ बहुत भद्दा मजाक किया है।
कई साल पहले रामचंद कहीं जाने के लिए अपने भाई सहित रेन शेल्टर में रानीताल में बस के इंतज़ार में खड़ा था कि अचानक नादौन की तरफ से एक तेज़ रफ़्तार ट्रक आया और सीधा रेन शेल्टर में घुस गया और सबको बेरहमी से कुचल डाला।
रामचंद जो 11 महीने बाद होश आता। पता चला कि उसका भाई भी मौके पर ही दम तोड़ गया था। उससे पहले शराब के नशे में धुत्त ड्राइवर नादौन में एक स्कूली बच्ची को भी कुचल आया था और ट्रक को खून से लथपथ लाशों के बीच छोड़ कर रफूचक्कर हो गया।
भारी जाम को देखकर वहां से गुज़र रहे डीसी श्रीकांत बाल्दी और अमनदीप गर्ग ने स्थिति जा जायज़ा लिया और घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भिजवाया।
जब 11 महीने बाद रामचंद कोमा से बाहर आया तो उसे पता चला कि उसका हंसता-खेलता परिवार लुट चुका था। सब कुछ बर्बाद हो गया था। उसके शरीर के दो महत्वपूर्ण अंग एक टांग और बाजू एक्सीडेंट की भेंट चढ़ चुके थे। चारों ओर घनघोर अंधेरे की काली चादर फैली हुई थी।
रामचंद का कोई हमदम, कोई सहारा नहीं बचा था। ऐसे में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु की सरकार आते ही मुख्यमंत्री के एक अधिकारी की कृपा से वह किसी तरह तपोवन, धर्मशाला मुख्यमंत्री जी से मिलने में कामयाब हो गया और मुख्यमंत्री महोदय ने तत्काल रामचंद को सहारा पेंशन का उपहार दे डाला।
5-6 महीने तक 3000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती रही जिससे गरीब रामचंद का जीवन कुछ सरल हो गया। लेकिन अचानक किसी कारणवश पेंशन बंद हो गई। दाने-दाने के लिए तरसने लगा रामचंद का दुखी परिवार।
111 नंबर पर प्रार्थना करता रहा तकदीर का मारा लेकिंव सब बेकार।
फिर अचानक मारंडा में रोटरी आई हॉस्पिटल में आए एक फौजी ने रामचंद को उसके घर जाकर बताया कि मारंडा में एडिटर इन चीफ राजेश सूर्यवंशी हैं जो मिशन अगेंस्ट करप्शन NGO चलाते हैं और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। उस फौजी भाई ने अपना नाम न लेने की शर्त पर रामचंद को मेरा मोबाइल नम्बर भी दे दिया।
तत्पश्चात रामचंद ने मुझे फोन करके सारी आपबीती बताई और सहायता हेतु आग्रह किया।
मैंने तुरंत एक संदेश रिकॉर्डेड ऑडियो सहित मुख्यमंत्री जी को भेज दिया।
हैरानी की बात है कि अभी एक घंटा भी नहीं बीता था कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खु ने तत्काल सारा सरकारी तंत्र हिला डाला और किस्मत के मारे रामचंद को संबंधित विभाग से फोन आ गया कि मुख्यमंत्री जी ने आपकी समस्या को गंभीरता से लिया है और तुरंत आपकी समस्या का समाधान करने के आदेश जारी किए हैं।
इतना सुनते ही रामचंद की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने मुझे तभी फोन करके मुख्यमंत्री महोदय का दिल की गहराइयों से धन्यवाद किया और दुआएं मांगीं की मुख्यमंत्री सुक्खू जी का जीवन खुशियों से भर जाए। उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाएं। चुनाव में उन्हें अप्रत्याशित सफलता मिले।
मुख्यमंत्री सुक्खु की इस त्वरित कार्यवाही की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। ईश्वर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करें।
केवल यह एक मामला नहीं, ऐसे हज़ारों मामले हैं जब मुख्यमंत्री ने स्वयं आगे आकर बेसहारा लोगों का हाथ थाम कर उनके जीवन को खुशियों से भर दिया।
हालांकि मुख्यमंत्री सुक्खु लाइम लाइट में आने से आए भलाई का क्रेडिट लेने से परहेज़ करते हैं लेकिन यह समाचार इसलिये प्रकाशित किया जा रहा है ताकि लोग मानव सेवा हेतु उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें।
उन्होंने मिशन अगेंस्ट करप्शन का भी आर्थिक मदद हेतु धन्यवाद किया। उन्होंने वाईस चेयरमैन मुनीष कौंडल जी का भी आर्थिक मदद हेतु आभार जताया व दीर्घायु की कामना की।
आर्थिक सहयोग हेतु मंजुषा सहायता केंद्र के संचालक कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल, बिलासपुर , शनि सेवा सदन प्रमुख श्री परविंदर भाटिया जी पालमपुर व अन्य संस्थाओं से अपील की गई है ताकि रामचंद की दिक्कतें कुछ और कम हो सकें।
यदि आप भी अपना आर्थिक योगदान देना चाहें तो दुखी परिवार की मदद कर सकते हैं। डिटेल इस प्रकार है।
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