मुख्यमंत्री सुखविंदर से मिली आशा वर्कर्स, स्थाई नीति बनाने की रखी मांग, सीएम ने दिया आश्वासन

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मुख्यमंत्री सुखविंदर से मिली आशा वर्कर्स, स्थाई नीति बनाने की रखी मांग, सीएम ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री सुखविंदर से मिली आशा वर्कर्स, स्थाई नीति बनाने की रखी मांग, सीएम ने दिया आश्वासन
पिछले लंबे समय से स्थाई नीति की माग कर रहे आशा वर्कर शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने पीटर हाफ पहुंची। जहां आशा वर्कर ने मुख्यमंत्री को बधाई दी। साथ ही स्थाई नीति बनाने और न्यूनतम मानदेय निर्धारित करने की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दौरान आशा वर्कर की समस्याओं पर चर्चा कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आशा वर्कर उनसे मिलने आए और उनकी जो समस्याएं हैं उनका कैसे समाधान हो सकता है इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन शुरू हो चुका है और लोक निर्माण विभाग तथा आईपीएच के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी सरकार आज शिमला में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि सालों से चले आ रहे नियमों व व्यवस्था को परिवर्तित अथवा सुदृढ़ करने का कार्य शुरू किया जा चुका है और इसका नमूना आईपीएस व लोक निर्माण विभाग में टेंडर आवंटन में बांधी गई समय सीमा के रूप में देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सीमेंट उद्योग और ट्रक ऑपरेटर की समस्या को लेकर आज शाम उद्योग मंत्री व सचिव के साथ वे स्वयं बैठक करेंगे करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी ।

बता दें कि प्रदेश में कूल 7हजार 964 आशा वर्कर हैं, जो प्रदेश के विभिन्न पीएचसी के साथ काम कर रही हैं।

कोविड के दौरान आशा वर्कर ने टीकाकरण में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। देश भर में सबसे पहले हिमाचल में टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी को विश्व में सबसे बड़ा दान आशा वर्कर का रहा। टीकाकरण अभियान में आशा वर्कर ने प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों तक जाकर टीकाकरण अभियान को सफल बनाया। इस दौरान जमकर आशा वर्कर की तारीफ हुई. और पीएम मोदी ने भी आशा वर्कर के इन प्रयासों के लिए उनकी खूब तारीफ़ की। लेकिन इन्हें नियमति नही किया जा रहा है।

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