मसीहा बन कर आए मुख्यमंत्री सूक्खू
हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सूक्खू का नाम आज समस्त भारतवर्ष व भारत से बाहर भी बड़े सम्मान के साथ लिया जा रहा है। वह इसलिए क्योंकि किसी राजनीतिक दल की छवि वाली पहचान से वह कहीं बहुत आगे निकल चुके हैं।
किसान कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं ज़िला कांगड़ा कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री सुरेश अवस्थी ने इंडिया रिपोर्टर टुडे से खास बातचीत में कहा कि आज जन-जन के सुक्खू भाई राजनीति की सीमाएं लांघ कर अपना एक अलग व्यक्तिगत वर्चस्व कायम करने में कामयाब हुए हैं।
अवस्थी ने कहा कि हालांकि उन्हें लगभग एक लाख करोड़ के कर्ज के भारी बोझ तले दबी हुई सरकार मिली, ऊपर से रही-सही कसर कुदरती कहर ने पूरी कर दी। केंद्र सरकार से भी नाममात्र की राहत मिली।
कुल मिलाकर हालात बहुत गंभीर हो चुके थे इसके वावजूद मुख्यमंत्री सूक्खू ने अपनी परिपक्वता व सुझबुझ का परिचय देते हुए अपनी ऐसी छवि देश के सामने प्रस्तुत की जो शायद कोई भी मुख्यमंत्री इतने अल्पकाल में नहीं कर सका। हिम्मत नहीं छोड़ी।
सुरेश अवस्थी ने आगे कहा कि सरकार के हनीमून पीरियड में ही सूक्खू सरकार ने वो कार्य कर दिखाए जो पिछले लंबे अरसे से अधर में लटके पड़े थे।
कुछ ऐसे लम्हे इतिहास बन गए जब मुख्यमंत्री सुक्खू जी ने घर-घर जाकर दीन-दुखियों का दर्द जाना और उन्हें राहत प्रदान की। श्री सुरेश अवस्थी ने बताया कि पिछले दिनों श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा भी सुक्खू जी कब साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्यों का जायज़ा लेने पहुंची तो मुख्यमंत्री की कार्यकुशलता देख कर अत्यधिक प्रभावित हुईं तथा सूक्खू जी की काफी सराहना की।
उपाध्यक्ष श्री अवस्थी ने कहा कि अभी पालमपुर तहसील के गांव धीरा के पास परमार नगर में जब सुक्खू भाई पहुंचे तो जिन लोगों के घर ज़मींदोज़ हुए थे, सर्वस्व नष्ट हो गया था उनका दर्द बांटा, उन्हें सांत्वना दी, इतना प्यार-दुलार लुटाया की लोग आत्मविभोर होकर रो पड़े और मुख्यमंत्री सूक्खू से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। वह नज़ारा देखने योग्य था। सभी उपस्थित लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ गए मुख्यमंत्री सूक्खू।
चाहे कम भाग्यवान बच्चों को गोद लेने की बात हो अथवा फरियादियों को राहत देने की बात हो, मुख्यमंत्री कभी पीछे नहीं रहते। सभी राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के साथ समभाव से पेश आते हैब, सभी का न्यायोचित कार्य करवाने का प्रयास करते हैं।
सुरेश अवस्थी ने कहा कि हालांकि प्रदेश को पैसे की दरकार है फिर भी अपनी चुनावी गारंटियों को धीरे-धीरे अमलीजामा पहनाने में प्रयासरत हैं सुखविन्दर सूक्खू भाई।अपनी सारी संपत्ति बेच कर 51 लाख से अधिक का दान प्रदेशहित में देने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री बनने के श्रेय भी हासिल करने में कामयाब रहे। इससे उनकी प्रदेश के प्रति समर्पण की भावना दृष्टिगोचर होती है।
वह ज़रूरतमंद, गरीबों और लाचार लोगों के प्रति अत्यन्त संवेदनशील हैं जो उनके व्यक्तित्व का अभिन्न अंग है। वह नहीं चाहते कि कोई भी किसी की रोज़ी-रोटी छीने। किसी की रोज़ी-रोटी से खिलवाड़ करने वाले व्यक्ति उनके परम शत्रु हैं, चाहे से कोई भी क्यों न हो।
किसान कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री सुरेश अकास्थि ने ने गर्व से कहा कि अब विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को ही लीजिए, मुख्यमंत्री ने बड़ी सुझबुझ से बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से ध्वनिमत से, बिल बड़ी ही सुगमता से बुद्धिमतापूर्वक पास करवा दिया और 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला।
सत्ता परिवर्तन की राह और आसान कर डाली। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि वह वास्तव में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन की राह परभी तेज़ी से अग्रसर हैं। और लोगों की दुआओं के चलते वह हर परीक्षा में सफल रहते हुए हिमाचल प्रदेश की प्रगति में, इसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नए युग की शुरुआत करेंगे। ईश्वर उनकी राहें आसान करें, उन्हें हिम्मत और हौंसला दें, बढ़िया स्वास्थ्य और दीर्घायु दें ताकि वह, बिना थके, बिना रुके हिमाचल और हिमाचल वासियों की सेवा में दिन-रात लगे रहें और नित नए रिकॉर्ड कायम करते रहें।