बधाई हो मुख्यमंत्री व गोकुल बुटेल को, लोगों ने किया हार्दिक धन्यवाद, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कैबिनेट मंत्री गोकुल बुटेल और उनकी टीम हिमाचल के लिए सिद्ध हो रही वरदान

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RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, 9418130904, 8988539600

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पालमपुर और मंडी के बीच राजमार्ग को फोर लेन बनाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।

GOKUL BUTAIL, Cabinet MINISTER

इससे पहले, एनएचएआई ने कठिन स्थलाकृति और यातायात की कम मात्रा को ध्यान में रखते हुए इस राजमार्ग को दो लेन में प्रतिबंधित कर दिया था।

मुख्यमंत्री के सूचना एवं प्रौद्योगिकी सलाहकार गोकुल बुटेल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह अपनी टीम के साथ केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि एनएचएआई को पर्यटन सीजन के दौरान यातायात की अधिक मात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य में फोर लेन के निर्माण कार्यों को वरीयता दी जानी चाहिए चाहिए क्योंकि संकरी सड़कें एक बड़े यातायात खतरे में बदल गई हैं।

बाद में केंद्रीय मंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देश दिया कि पठानकोट-मंडी परियोजना का संशोधित विवरण प्रस्तुत करें क्योंकि
इसे फोर लेन में परिवर्तित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि एनएचएआई ने इस हेतु सलाहकार भी नियुक्त किया। ऊन्होने कहा कि अब नई डीपीआर तैयार करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनएचएआई ने पालमपुर और मंडी के बीच 100 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना के लिए अपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में बदलाव। किये हैं।

पठानकोट और मंडी के बीच परियोजना पांच चरणों में क्रियान्वित की जा रही है।

गोकुल ने बताया कि राजमार्ग का एक नया सर्वेक्षण होगा और एनएचएआई ऊंचे पहाड़ों और पालमपुर, बैजनाथ, पपरोला, चौंतरा और जोगिंदरनगर जैसे विभिन्न शहरों से गुजरने वाले पुराने संकीर्ण पठानकोट-मंडी राजमार्ग का उपयोग नहीं करेगा।

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, एनएचएआई कम से कम पहाड़ियों को काटने और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के विस्थापन पर विशेष जोर देगा, जिससे परियोजना की लागत कम होगी।

उन्होंने कहा कि इस युद्ध की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने पर पठानकोट और मंडी के बीच की दूरी 219 किमी से घटकर मात्र 171 किमी रह जाएगी।

श्री गोकुल बुटेल ने आगे बताया कि पठानकोट-मंडी राजमार्ग का सामरिक महत्व है क्योंकि यह मनाली के रास्ते पठानकोट को लेह से जोड़ता है. भारतीय सेना इस सड़क का उपयोग लेह और अन्य अग्रिम क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति करने के लिए करती है।

फॉरेन के निर्माण से चित्र में पर्यटन उद्योग को भारी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर क्रियान्वित होंगे इस तरह से मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व कैबिनेट मंत्री श्री गोकुल बुटेल के प्रयास आने वाले समय में रंग बिखेरने वाले हैं।

श्री गोकुल पहले भी विदेश में अपनी काबिलियत का डंका बजा चुके हैं और अब हिमाचल के विकास की बारी है। गोकुल बुटेल एक डायनेमिक पर्सनैलिटी है और वह विकास से जुड़े नित नए आइडियाज की तलाश करते ही रहते हैं। ईश्वर उन्हें खूब उन्नति दें। दीर्घायु व बेहतर स्वास्थ्य दें।

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