मिसाल बने सुरेंद्र शर्मा, कोरोना से जंग लड़ने के साथ-साथ वार्ड में संभाला सफाई का मोर्चा

मिसाल बने सुरेंद्र शर्मा, कोरोना से जंग लड़ने के साथ-साथ वार्ड में संभाला सफाई का मोर्चा

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मिसाल बने सुरेंद्र शर्मा, कोरोना से जंग लड़ने के साथ-साथ वार्ड में संभाला सफाई का मोर्चा

INDIA REPORTER TODAY

MAHESH GAUTAM

DISTT BUREAU CHIEF

Mahesh Gautam
District bureau chief

– हर बात के लिए सरकार को दोष देना तो आसान है, लेकिन हमारे समाज में ऐसे भी व्यक्ति होते हैं, जो अपने कार्यों से दूसरों के सामने मिसाल बन जाते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिला ऊना के सुरेंद्र कुमार शर्मा ने।
फ्रैंडस कॉलोनी निवासी सुरेंद्र शर्मा ने जहां स्वयं कोरोना के विरुद्ध कई दिनों तक पालकवाह डीसीएचसी में जंग लड़ी, वहीं अपने वार्ड में साफ-सफाई का जिम्मा स्वयं उठाकर दूसरों के सामने उदाहरण भी पेश किया। उनकी प्रेरणा से वार्ड के अन्य मरीज भी जब बेहतर महसूस करने लगे, तो वह भी उनके इस मिशन के साथ जुड़ गए।
सुरेंद्र शर्मा ने बताया “हर चीज के लिए हम सरकार को नहीं कोस सकते हैं। देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अगर हम सहयोग नहीं करेंगे, तो भला कौन करेगा। पालकवाह डीसीएचसी में कोई कमी नहीं थी। साफ-सफाई के लिए स्टाफ तैनात था तथा डॉक्टर भी मरीजों की लगातार निगरानी करने के साथ-साथ उनका मनोबल बढ़ाते हैं। सभी मरीजों का अच्छा ध्यान रखा जाता है और सभी के लिए बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन स्वयं साफ-सफाई करने का विचार समाज को कुछ न कुछ वापिस देने की सोच का परिणाम है।”
ऊना निवासी सुरेंद्र शर्मा को कोविड के लक्षण आने शुरू हुए तो वह आइसोलेट होकर 6 दिन तक घर पर ही रहे। लेकिन जब बुखार नहीं टूटा, तो सीटी स्कैन कराया और पता चला कि संक्रमण फेफड़ों में फैल रहा है। इसके बाद वह 5 दिन के लिए डीसीएचसी हरोली में दाखिल हो गए तथा बाद में उन्हें 6 दिन पालकवाह मेक शिफ्ट अस्पताल में भी रहना पड़ा। डॉक्टरों के बेहतर इलाज व सकारात्मक सोच का परिणाम है कि आज सुरेंद्र कुमार शर्मा पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट आए हैं।
सुरेंद्र शर्मा ने कहा “मैंने 6 दिन तक पालकवाह में स्वास्थ्य लाभ लिया और जब थोड़ा बेहतर महसूस करने लगा, तो मुझे लगा कि डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ निरंतर मरीजों की सेवा कर रहे है, क्यों न उनके प्रति सम्मान स्वरूप कुछ किया जाए। इसलिए मैंने अपने वार्ड की स्वयं करना शुरू कर दिया। कुछ दिन बाद वार्ड में स्वास्थ्य लाभ ले रहे अन्य 19 मरीज भी सहयोग करने लगे। इससे सभी मरीजों का मनोबल भी बढ़ने लगा।”
पालकवाह डीसीएचसी में नोडल अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे डॉ. संजीव धीमान ने बताया कि हम सभी के लिए सुरेंद्र कुमार शर्मा एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी सोच से सारा स्टाफ प्रभावित है। पालकवाह में साफ-सफाई के लिए पर्याप्त स्टाफ है, लेकिन उन्होंने खुद भी कुछ करने की इच्छा व्यक्त की। उनके साथ-साथ अन्य मरीजों का भी मनोबल बढ़े, इसी दृष्टि से उन्हें इस कार्य की अनुमति प्रदान कर दी गई। निश्चित रूप से समाज को उनसे सीख लेनी चाहिए।

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