पालमपुर की प्रख्यात लेखिका श्रीमती सुरेश लता अवस्थी की मार्मिक रचना “‘नहीं इस दुनिया में, अपनी इच्छा से जन्म लेता है इन्सान,”‘ जो इंसान की मानसिकता को जकझोर कर रख देगी
SURESH LATA AWASTHI,
CHOWKI KHALET, PALAMPUR,
MOB : 82787 39443
“नहीं इस दुनिया में,
अपनी इच्छा से जन्म लेता है इन्सान”
नहीं इस दुनिया में,
अपनी इच्छा से जन्म लेता है इन्सान,
फिर क्यों पड़ जाते हैं,
उसके अलंग अलग नाम।
क्यों बन जाती है उसकी अलग अलग पहचान,
कोई लक्ष्मी, कोई विद्या
तो कोई है कुंवर साहब,
कोई है शहजादा नबाब
तो कोई है राजा महताब।
जब आता है कुल का चिराग
तो ईश्वर का करते हुए धन्यवाद,
दुआओं के लिए उठते हैं हाथ,
पर क्या कसूर उस नन्हीं सी जान का
जिसको पैदा होते ही कहा जाता है अनाथ।
क्या उसके जन्म लेने में,
ईश्वर नहीं होता उसके साथ,
क्या वह ईश्वर का अंश नहीं,
फिर क्या किया था उसने अपराध,
जो छिन गए जन्म लेते ही, उसके माँ बाप।
कोई झाड़ियों में पड़ा मिलता है,
कोई सीढ़ियों में पड़ा दिखता है,
कोई कचरे के डिब्बे में होता है,
कोई मन्दिर के बाहर रो रहा होता है।
क्या है यह दुनिया का ताना बाना,
अगर किसी को समझ आए,
तो मुझे भी बताना।
क्यों आज इन्सानियत मर गई,
क्यों खुन हो गया पानी।
क्यों लोग मर्यादा भूल गए,
क्यों राम भगवान का चरित्र,
बन कर रह गया एक कहानी,
राम की मर्यादा टूटकार
बन गई एक कहानी।।