विवेकानंद देशभक्त सन्यासी थे : शांता कुमार -‘नमस्ते भारत’ मंच

विवेकानंद देशभक्त सन्यासी थे : शांता कुमार -'नमस्ते भारत' मंच

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विवेकानंद देशभक्त सन्यासी थे : शांता कुमार

‘नमस्ते भारत’ मंच

RAJESH SURYAVANSHI

स्वामी विवेकानंद समाधि दिवस के अवसर पर 4 जुलाई को ‘नमस्ते भारत विद चंद्रकांता’ कार्यक्रम के तहत ‘विवेकानंद और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर वैचारिक-सांस्कृतिक संवाद का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री शांता कुमार सहित श्री राकेश कोरला तथा श्री अशोक रैना जी ने संवादकर्ता चंद्रकांता से अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शांता कुमार ने स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज आजादी के सात दशक बीत जाने पर भी भ्रष्टाचार के कारण देश भर में गरीबी व्याप्त है। देश में चरित्र निर्माण नहीं हो सका। हमें स्वामी जी जैसे प्रखर राष्ट्रभक्त और ईमानदार व्यक्तित्वों की जरूरत है।

‘नमस्ते भारत’ की सूत्रधार चंद्रकांता द्वारा युवाओं के आत्मिक विकास का प्रश्न पूछे जाने पर श्री अशोक रैना ने देश में ‘रोल मॉडल्स’ की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि स्वामी जी का जीवन ज्ञान, दान और तप से संपूर्ण था। विवेकानंद कहते थे उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश कोरला ने शिक्षा को चरित्र निर्माण से जोड़े जाने के लिए शिक्षण संस्थानों के साथ परिवार की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।

स्वामी विवेकानंद के विचारों के आलोक में उन्होंने नई शिक्षा नीति को आत्मनिर्भरता उन्मुख व ‘लोकल फॉर वोकल’ प्रेरित बताया।

गुरु रबिंद्रनाथ टैगोर ने एक समय में कहा था की यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद को संपूर्णतः पढ़ लीजिए।

स्वामी विवेकानंद के ‘दरिद्र नारायण’ की संकल्पना पर बात करते हुए श्री शांता कुमार ने कहा कि विवेकानंद ‘देशभक्त सन्यासी’ थे। उन्होंने मोक्ष के लिए घर परिवार को छोड़ा और फिर दरिद्रता निवारण के लिए मोक्ष को ही त्याग दिया। देश में यदि आर्थिक नीतियों को सही तरीके से लागू किया जाता तो देश में दरिद्रता की आज यह स्थिति न होती।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 में भारत 107 देशों की सूची में 94 पायदान पर है। करोड़ों लोग भूखे पेट सो रहे हैं। बेटियों का विक्रय किया जा रहा है।

गरीबी निवारण हेतु उन्होंने ‘अंत्योदय मंत्रालय’ बनाए जाने की पुरजोर वकालत की। शांता कुमार ने कहा की विवेकानंद ने हीनता से ग्रस्त भारत को जगाने का कार्य किया। विवेकानंद के विचार आधुनिक भारत के विचार हैं।

इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 4 जुलाई को शाम पाँच से छः बजे तक ‘नमस्ते भारत विद चंद्रकांता’ फेसबुक पटल पर किया गया। इस कार्यक्रम से www.facebook.com/chandrakanta.writer पर जुड़ा जा सकता है। कार्यक्रम में दर्शकों व श्रोताओं की भागीदारी सराहनीय रही।

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