कभी गिरा, कभी उठा और कभी उठा नहीं : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कभी गिरा, कभी उठा और कभी उठा नहीं,
बस यही तो करता रहा हूं मैं आज तक।
बढ़ाता रहा और बढ़ाता भी रहता हूं मैं हाथ,
उस तक जो गिर कर उठा नहीं आज तक।
खुद खाने से पहले मैं बांट लेता हूं थोड़ा सा,
तभी कभी भूखा नहीं रहा हूं आज तक।
वे भी क्या…
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