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मुझे सबके सामने आज, फिसलना पड़ा है : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

नहीं खोलूंगा मैं दरवाजा, दरवाजा अपने दिल का, देख तो लिया इन आंखों ने, आंखों ने सबकुछ आज। मुझे सबके सामने आज, फिसलना पड़ा है, आज यह देखने को कि, कौन हाथ बढ़ाता है, मुझे उठाने वास्ते मुझे बचाने वास्ते। कुछ तो खूब हंसे आज, आज…
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निदेशक राजीव कुमार एवं गोविंद सागर एडवेंचर एंड वॉटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किया…

MUNISH KOUNDAL युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के निदेशक राजीव कुमार एवं गोविंद सागर एडवेंचर एंड वॉटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किया गोविंद सागर झील का निरीक्षण। गोविंद सागर झील में पर्यटन के रूप में विकसित करने एवं वाटर…
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तमाम रात जलता रहा चुल्लाह झोंपड़ी में, गरीब पास आटा नहीं था रोटी पकाने को।

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल कलोल बिलासपुर हिमाचल Mob..94184 25568 तमाम रात जलता रहा चुल्लाह झोंपड़ी में, गरीब पास आटा नहीं था रोटी पकाने को। खामोशी छाई रही तमाम रात झोंपड़ी में। हवेली से आती रही आवाज चिल्लाने की। कम सहुलियतें होती है…
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कर लो सब गिले-शिकवे दूर, उस वक्त क्या याद करोगे, जब हम नहीं होंगें।

जब हम नहीं होंगें ***************** कर लो सारे गिले-शिकवे दूर, जो मुझ से हैं, उस वक्त क्या करोगे, दूर जब हम नहीं होंगें। कल ही रूठे थे ,याद कर मादा जो मुझ में है, उस वक्त क्या याद करोगे ,जब हम नहीं होंगें। आओ एक बनें ,भुला दे कमियां जो…
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सब से भरपूर प्यार रख जसवन्त, फिर कोई दावेदारी तुम्हारी नहीं है।

COL. JASWANT SINGH CHANDEL, KALOL, BILASPUR MOB : 94184 25568 वजह बेबवजह बतियाते रहिए, सारी विपदाएं तुम्हारी नहीं है। बस एक समझदारी रखिए कि, सारी दुनियां तुम्हारी नहीं है । जब मिले मौका मुस्कुराते रहिए, सारी आफतांएं…
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मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल का मानव सेवा का एक और अनूठा प्रयास

यह फोटो कु उषा देवी पुत्री श्री अमृत लाल भराड़ी निवासी का है। इस बालिका ने बी ए कर लिया है और कम्प्यूटर का एक वर्ष का डिप्लोमा कर रही है। इस बालिका की खबर मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल की सदस्या श्रीमती ममता जी ने हम तक पहुंचाई ‌।इस…
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शनिदेव मंदिर छिंज कमेटी ने समारोह का मुख्यातिथि बनाया कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल को, 1300 ई. के…

 मुख्यातिथि बनने पर देखिए क्या कहते हैं परम आदरणीय कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल जी..... नमस्कार दोस्तो! यह मेरा सौभाग्य है और इलाके के बुजुर्गो, नौजवानों, माताओं बहनों और बच्चों का प्यार है…
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कर्नल साहिब की *ज़िद्द* “बुजुर्ग” और “ज़िद्द”

Col. Jaswant S. Chandel बुजुर्ग ******** गांव के बुजुर्ग कुछ हद तंदरुस्त देखे, खाते- पीते चलते -फिरते दुरुस्त देखे, हां हवेली की सीढ़ियां चढ़ते थके देखे, शाम क्या पड़ी अंधेरा होते सुस्त देखे। मगर कहीं गांव में घूमते सियार…
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ठोकरें खाते -खाते तो यहां तक पहुचां हूं,….

ठोकरें ****** ठोकरें खाते -खाते तो यहां तक पहुचां हूं, वरना उमर भर रास्ते ही तलाशता रहता। कभी कंकड़-पत्थर तो कभी कांटेभी मिले, बेपरवाह चलता रहा नहीं तो हटाता रहता। कभी बिच्छू सांप और कभी सपोले भी मिले, हटानें में कामयाब नहीं ज़हर…
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