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colonel jaswant singh chandel

जिस देश में बच्चियों का होता हो व्यापार, उस देश में आज़ादी का जश्न बेकार : कर्नल जसवन्त सिंह

जिस देश में बच्चियों का ब्यपार हो, आदमजनो का धंधा देह कारोबार हो, उस देश में आज़ादी का जश्न बेकार है, आधी आबादी से जुल्म सा ब्यवाहर है। बर्तन घिसती रहीं वे कहीं -कहीं पिटती रहीं नवजात बच्चियां सरेआम कहीं बिकती रहीं, अपनी…
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कहां सुनते थे जब जनाब जवान थे…कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

कहां सुनते थे जब जनाब जवान थे, हम ठहरे अनपढ़ और अनजान थे। हम तो पहाड़ की पगडंडियां चढ़ते थे, वो मोटर वाले मजाक हमारा करते थे। फिर हम भी चलने लगे अपने पांव पर, कभी नहीं छिड़का नमक उनके घावों पर। थे अकेले पर पीछे हमारे लाईन बनती…
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कम्बख्त गिड़गिड़ाता चला गया : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

कम्बंख्त गिड़गिड़ाता चला गया, वह चलता चलता हमें बता गया, वह मूर्खता का परिचय करा गया, बिन बिचारे सब कुछ तो बता गया। कामवाली को घरवाली बता गया, घरवाली को झाड़ू वाली बना गया, ले बोतल हाथ में वह लहरा चला पता नहीं जीते जी क्यों मरा…
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मेरी कोटधार : टोलग है इक कामगारां रा गौंअ, विधायक बीरूए रा मशहूर गौंअ,

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल, कलोल, बिलासपुर। मेरी कोटधार बडसरा ते चलदी मेरी कोटधार, उतरा - पछमां खा सोला सिंगी धार, निग्गे गौओ रा नौंअ है नघियार, बच्छरेटूए नौण मंदर दुकाना चार, रौंणका लगी रैहंदिया हर एतवार, इक बार जांगे ता जांगे बार-बार ।…
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मंजुषा सहायता केंद्र ने समझा दुःखी परिवार का दर्द

नमस्कार दोस्तो, मण्जुषा सहायता केंद्र कलोल का एक जानपहिचान का परिवार बड़ी मुश्किल दौर से गुजरा है। श्रीमती बिमला,बंगाणा निवासी के पति पिछ्ले चार वर्षों से बीमार चल रहे थे।कुछ महिने पहले उनका डायलेसिस शुरु हो गया। पांच दिन पहले वे स्वर्ग…
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कभी गिरा, कभी उठा और कभी उठा नहीं : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

कभी गिरा, कभी उठा और कभी उठा नहीं, बस यही तो करता रहा हूं मैं आज तक। बढ़ाता रहा और बढ़ाता भी रहता हूं मैं हाथ, उस तक जो गिर कर उठा नहीं आज तक। खुद खाने से पहले मैं बांट लेता हूं थोड़ा सा, तभी कभी भूखा नहीं रहा हूं आज तक। वे भी क्या…
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मण्जुषा सहायता केंद्र कलोल की मेहरबानियों का हिसाब नहीं

नमस्कार दोस्तो, मण्जुषा सहायता केंद्र कलोल का एक जानपहिचान का परिवार बड़ी मुश्किल दौर से गुजरा है। श्रीमती बिमला,बंगाणा निवासी के पति पिछ्ले चार वर्षों से बीमार चल रहे थे।कुछ महिने पहले उनका डायलेसिस शुरु हो गया। पांच दिन पहले वे स्वर्ग…
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“मुझ से कभी पूछ तो लिया होता…!” Colonel Jaswant Singh Chandel

बवाल ******** बिना किसी गवाह कचेहरी ब्यान कर दिया, सब यह कह रहे हैं अपने कमाल कर दिया, मुझ से कभी पूछ तो लिया होता, बेवजह आपने एक बवाल खड़ा कर दिया। अनजाने में ही प्यार का इजहार कर दिया, मैं ख़ामोश रहा और तूने कमाल कर दिया,…
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मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल का मानव सेवा का एक और अनूठा प्रयास

यह फोटो कु उषा देवी पुत्री श्री अमृत लाल भराड़ी निवासी का है। इस बालिका ने बी ए कर लिया है और कम्प्यूटर का एक वर्ष का डिप्लोमा कर रही है। इस बालिका की खबर मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल की सदस्या श्रीमती ममता जी ने हम तक पहुंचाई ‌।इस…
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कर्नल साहिब की *ज़िद्द* “बुजुर्ग” और “ज़िद्द”

Col. Jaswant S. Chandel बुजुर्ग ******** गांव के बुजुर्ग कुछ हद तंदरुस्त देखे, खाते- पीते चलते -फिरते दुरुस्त देखे, हां हवेली की सीढ़ियां चढ़ते थके देखे, शाम क्या पड़ी अंधेरा होते सुस्त देखे। मगर कहीं गांव में घूमते सियार…
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