कर्नल साहिब की *ज़िद्द* “बुजुर्ग” और “ज़िद्द”
Col. Jaswant S. Chandel
बुजुर्ग
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गांव के बुजुर्ग कुछ हद तंदरुस्त देखे,
खाते- पीते चलते -फिरते दुरुस्त देखे,
हां हवेली की सीढ़ियां चढ़ते थके देखे,
शाम क्या पड़ी अंधेरा होते सुस्त देखे।
मगर कहीं गांव में घूमते सियार…
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