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Dr satyendra sharma poems palampur

डॉ सत्येन्द्र शर्मा रचित “जग से प्यारा जग से न्यारा । ऊंचा रहे तिरंगा प्यारा ।”

स्वाधीनता दिवस चौपाई हर घर मेें झंडा लहराता । तीन रंग का सबको भाता ।। झंडा अनुपम सुन्दर न्यारा । हमको है प्राणों से प्यारा ।। पराधीन है पानी खारा । सारा जीवन इससे हारा ।। पराधीनता अति दुखदाई। इसमें सारी पीड़ समाई ।।…
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डॉ सत्येन्द्र शर्मा का “यह कैसा सावन आया”

सावन कैसा आया सावन कैसा आया भाई , यह कैसा सावन आया । दैत्य झूमते हैँ मस्ती में, यमदूतों का है साया । झूले कहां बहे बाढ़ों मेें, क्या शहरों क्या गांवों में । सड़कें कहां धुल गयीं अब सब , लोग तैरते नावों में ।। भाग रहे हैँ तैर रहे…
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डॉ सत्येन्द्र शर्मा की “साथ यही जाएगी गठरी”, “सावन कैसा आया”, “कर्म ही…

सावन कैसा आया लावणी छंद सावन कैसा आया भाई , यह कैसा सावन आया । दैत्य झूमते हैँ मस्ती में, यमदूतों का है साया । झूले कहां बहे बाढ़ों मेें, क्या शहरों क्या गांवों में । सड़कें कहां धुल गयीं अब सब , लोग तैरते नावों में…
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