डॉ रामलाल मार्कण्डेय ने ‘स्नो फ़ेस्टिवल के राइंक जातर में पारम्परिक लोक संस्कृति के रंगों के…
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह उत्सव जनसहभागिता से मनाया जा रहा है जिसमें सरकार की ओर से कोई ख़र्च नहीं किया जा रहा। भविष्य में हम 'स्नो फ़ेस्टिवल' को उदन से शुरू कर के 90 दिनों तक चलाएंगे और उदन,हालडा, योर,…
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