शांता जी की सोच को सलाम, बड़े-बड़े मंदिरों की बजाए देश को अच्छे हॉस्पिटल्स की ज्यादा आवश्यकता है
हमारे यहां एक प्रथा है कि जब भी किसी वीआईपी की मूवमेंट होती है तो हमारी सड़कें चकाचौंध हो जाती हैं, सड़कों के गड्ढे भर दिए जाते हैं, बिजली-पानी की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कर दी जाती है लेकिन जैसे ही वीआईपी उस जगह से जाते हैं उस जगह की हालत…
Read More...
Read More...