अविभावक भी बन सकते हैं अपने बच्चों के शिक्षक
बच्चे को रोज कुछ न कुछ पढ़ कर सुनाएँ। कहानियां व कवितायेेँ बच्चे की भाषा विकास में तो सहायता करती ही हैं साथ ही इससे श्रवण कुशलता भी बढ़ती है। कहानी सुनाने के बाद बच्चे को उसी कहानी को दोहराने को कहें । इससे बच्चे का मानसिक विकास भी होता है।
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