नंव वर्ष पर…उम्र की डोर से फिर एक मोती झड़ रहा है : Dr. Jaya
Dr. Jaya Chaudhary
उम्र की डोर से फिर एक मोती झड़ रहा है..... तारीख़ों के जीने से
दिसम्बर फिर उतर रहा है... कुछ चेहरे घटे, चंद यादें जुड़ी गए वक़्त में .....
उम्र का पंछी नित दर और दूर निकल रहा है... गुज़रे लम्हों पर झीना-झीना…
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