मरना तो सबको है, तो क्यूं नहीं शमशान घाटों को और वहां जाने वाले रास्तों को बनाया जाए अच्छा..
मरना तो सबको है, तो क्यूं नहीं शमशान घाटों को और वहां जाने वाले रास्तों को बनाया जाए अच्छा..
रमेश भारद्वाज उर्फ रमेश चन्द
सार्वजनिक कार्यकर्ता, लेखक एवं विचारक/प्रेक्षक।
कोई बच्चा कब इस दुनियां में आयेगा, इस का अंदाज़ा तो फिर भी…
Read More...
Read More...