यूं ही नहीं पाईं बुलन्दियां संतोष-शांता जी ने, एक लंबा संघर्ष, पूर्ण तप है इसके पीछे (IV)
स्वयं श्री शांता कुमार मानते हैं कि वह अपनी धुन के पक्के थे। भले ही पंडित अमरनाथ जैसे परिपक्व नेता उन्हें बहुत चाहते तथा परिवार को अपने पांवों पर खड़ा करने की सीख देते थे। युवक शांता कुमार सुनते, सिर हिला कर हल्की सी सहमति जतलाते, पर अवसर…
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