गिरफ़्तारी से कभी भयभीत नहीं हुए शांता कुमार
नाहन जेल में रहते हुए उन्हें कई बार परिवारजनों की याद आ जाती किंतु वह दृढ़ बन कर उन विचारों को झटक देते। अपने असली लक्ष्य को सामने रखते तथा उसी को अंत तक पूरा करते रहने के संकल्प लेते रहे। श्री शांता कुमार ने कभी हिम्मत नहीं हारी, चाहे…
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