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jaswant singh chandel

छप्पर वाला मकान, मैंने भी बना रखा है, मगर इसमें एक भी, झरोगा नहीं रखा है।

छप्पर वाला मकान, मैंने भी बना रखा है, मगर इसमें एक भी, झरोगा नहीं रखा है। बस छोटा सा दरवाजा, इसमें खुलता है, उस पर भी फटा हुआ, पर्दा मैंने सिलवा रखा है। पूछने वाले पूछ लेते हैं, खिड़की रोशनदान कहां पड़े हैं, बोलना पड़ता है,…
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