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Kamlesh Sood palampur

कंधों पर ढोते ढोते भार,राष्ट्र निर्माण कर जाते हैं” : कमलेश सूद, प्रख्यात लेखिका

नमन मंच विधा कविता विषय "कंधों पर ढोते ढोते भार,राष्ट्र निर्माण कर जाते हैं" कंधों पर ढोते ढोते भार, राष्ट्र निर्माण कर जाते हैं। हाथों में हैं छाले पर मेहनत से ज़रा नहीं घबराते हैं। पारिश्रमिक मिले अधिक या थोड़ा दिनभर खड़ी करें…
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Honour : पालमपुर की प्रख्यात कवयित्री श्रीमती कमलेश सूद व शिमला से उनकी पुत्री पूजा सूद डोगर…

विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष में बाजपुर, उतराखण्ड से संचालित अंतराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था "बुलंदी" द्वारा तीसरे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रही है। इस वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हिस्सा बनने जा रहीं हैं हिमाचल…
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कलम तू हारना मत, चुप मत बैठना कभी, सच ही लिखना, अच्छों को अच्छा, बुरों को बुरा ही लिखना, कलम ने…

श्रीमती कमलेश सूद, पालमपुर, हिमाचल प्रदेश। Mob..94188 35456 मेरी हिम्मत, मेरा कुल संसार,कलम तू है, लिखती, मुझे बताती सब हाल, कलम तू है यह चले तो हर कोई झुकता, डरता है इससे, तलवार से भी अधिक करती वार, कलम तू है । कलम ने झुका दी…
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“कटते हैं सर, मर मिटते हैं, लहू में ही ऐसी रवानी है,” रोटेरियन कमलेश सूद की अनहद गाथा

*अनहद गाथा* स्वरचित मौलिक रचना कमलेश सूद पालमपुर, हिमाचल ............................................ भारत के वीरों की अनहद,अलग ही एक कहानी है, कटते हैं सर, मर मिटते हैं, लहू में ही ऐसी रवानी है, देकर कुर्बानी अपनी, मन ही मन यूँ…
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“कहां हो तुम!!” देवभूमि पालमपुर की महान साहित्यकार श्रीमती कमलेश सूद द्वारा कलमबद्ध…

Presented by .... RAJESH SURYAVANSH समर्पण (18 अक्टूबर 1942 से 24 नवंबर 2019) मेरे पति डॉक्टर विनोद कुमार जी को सादर समर्पित । "इस कदर जिया हमने ज़िन्दगी को कि हर पल की इक किताब बनती गई। बेशक ढलती रही उम्र यहाँ सालों…
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