कंधों पर ढोते ढोते भार,राष्ट्र निर्माण कर जाते हैं” : कमलेश सूद, प्रख्यात लेखिका
नमन मंच
विधा कविता
विषय "कंधों पर ढोते ढोते भार,राष्ट्र निर्माण कर जाते हैं"
कंधों पर ढोते ढोते भार, राष्ट्र निर्माण कर जाते हैं।
हाथों में हैं छाले पर मेहनत से ज़रा नहीं घबराते हैं।
पारिश्रमिक मिले अधिक या थोड़ा दिनभर
खड़ी करें…
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