कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बैचेनी तो बस बादल समझता है
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बैचेनी तो बस बादल समझता है मैं तुझसे दूर कैसा हू, तू मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है
मोहब्बत एक अहसासो की पावन सी कहानी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है यहाँ…
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