डॉ सत्येन्द्र शर्मा का “यह कैसा सावन आया”
सावन कैसा आया
सावन कैसा आया भाई ,
यह कैसा सावन आया ।
दैत्य झूमते हैँ मस्ती में,
यमदूतों का है साया ।
झूले कहां बहे बाढ़ों मेें,
क्या शहरों क्या गांवों में ।
सड़कें कहां धुल गयीं अब सब ,
लोग तैरते नावों में ।।
भाग रहे हैँ तैर रहे…
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