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valmikiji

वाल्मीकि जी कहते हैं……..

*दिन 490 दोहा 127 अयोध्याकाण्ड* *चौपाई:* जगु पेखन तुम्ह देखनिहारे। बिधि हरि संभु नचावनिहारे।। तेउ न जानहिं मरमु तुम्हारा। औरु तुम्हहि को जाननिहारा।।1।। सोइ जानइ जेहि देहु जनाई। जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई।। तुम्हरिहि कृपाँ…
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