सिख इस्लाम कबूलें या देश छोड़ दें : तालिबान
अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना दोगला रवैया दिखा दिया है। सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने मान्यता पाने के का दावा किया था। लेकिन अब अल्पसंख्यकों के लिए वहां सुरक्षा हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। खासतौर पर सिख समुदाय के अफगानिस्तान में रहने पर संकट मंडरा गया है।
राइट्स एंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सिखों को सुन्नी इस्लाम कबूल करना होगा नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा।
तालिबानी सरकार को बढ़ावा नहीं देगी। सिख समुदाय अफगानिस्तान में सदियों से रह रहा है, लेकिन पिछले कई दशकों से अफगान सरकार ने उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी हैं।
उन्हें रहने के लिए घर तक मुहैया नहीं कराए गए। 26 मार्च 2020 को काबुल के गुरुद्वारे में तालिबानियों गोलियां चलाएं जाने के बाद अधिकतर सिख भारत के लिए रवाना हो गए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने सिखों को आदेश दिया है कि वे इस्लाम ग्रहण कर सुन्नी मुस्लिम बन जाएं या देश छोड़कर चले जाएं।