#Tanda Medical College Doctors’ Pen down Strike आज तीसरे दिन में कर गई प्रवेश, मरीज़ व तामीरदार करते रहे इंतज़ार, फिर भी डॉक्टरों ने उनका किया ईलाज, सरकार ने नहीं किया इन्साफ तो प्रदेश में चरमरा सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं
Doctor's Pen Down Strike enters third day




DrRPGMC मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल टांडा सहित तमाम अस्पतालों में आज भी दो घंटे तक बंद रही ओपीडी

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक दो घंटे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे।
रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिऐशन के अध्यक्ष डाक्टर अंकुर गौतम तथा महासचिव डाक्टर अभिमन्यु पटियाल ने बताया कि एचएमओए के आह्वान पर रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसियेशन टांडा, पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के समर्थन में दो घंटे पेन डाउन हड़ताल पर रहे।
एनपीए को 25% से घटाकर 20% करने और एनपीए को मूल वेतन से अलग करने का कड़ा विरोध कर रहा है।
यह चिंता का विषय है कि कोविड योद्धाओं को आर्थिक तोहफा देने के बजाय उनके साथ ऐसा अन्याय किया जा रहा है।
वहीं पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान कोविड सहित आपातकालीन सेवाओं को बिना किसी रुकावट के जारी रखा गया।
उनका कहना है कि डाक्टरों के एनपीए पे स्केल को घटाकर 25 प्रतिशत से 20 प्रतिशत किया जा रहा है और इसे उनकी बेसिक पे से भी अलग किया जा रहा है।
ऐसे में सोमवार, मंगलवार और आज बुधवार को भी प्रदेश भर के चिकित्सालयों में चिकित्सकों ने एक घंटे पेन डाउन स्ट्राइक की थी ऐसे में अब टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों ने दो घंटे तक पेन डाउन स्ट्राइक की है।
एसोसिएशन का दावा है कि उनकी ओर से आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं की गई व मरीजों की आपात कालीन सेवाएं चलती रही। हालांकि ओपीडी में आए मरीजों को परेशानी से दो चार होना पड़ा है। ऐसे में भीड़ लगने से भी मरीज व तीमारदारों को परेशानी हुई है।
सिविल अस्पताल कांगड़ा में तीसरे दिन भी जारी रही स्ट्राइक
सिविल अस्पताल कांगड़ा में आज बुधवार को तीसरे दिन भी सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक दो घंटे तक डाक्टर्स ने पैनडाउन हड़ताल जारी रखी।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी विवेक करोल ने बताया कि कोविड के मोर्चे पर खड़े सभी डॉक्टर्स पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों से अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
ये सिफारिशें हमारे गैर-अभ्यास भत्ते को 25% से घटाकर 20% कर देती हैं और इसे हमारे मूल वेतन से भी हटा देती हैं जिससे हमारे कुल मेहनताने के साथ-साथ हमारे पेंशन लाभ में भी काफी कमी आएगी।
लोगों को डर है कि अगर यह हड़ताल यूं ही लगातार चलती रही तो पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप होकर रह जाएंगी।
