असाध्य नहीं टीबी रोग, मरीज से भेदभाव नहीं, हमदर्दी

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असाध्य नहीं टीबी रोग, मरीज से भेदभाव नहीं, हमदर्दी

SANSAR SHARMA

धर्मशाला। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जिला GBकांगड़ा को राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल और तीन लाख रुपये की नकद इनामी राशि से सम्मानित किया गया है। जिला कांगड़ा की ओर से टीबी अधिकारी आरके सूद ने यह सम्मान प्राप्त किया।


धर्मशाला में प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि स्वतंत्र एजेंसियों की ओर से करवाए सर्वेक्षण में जिला कांगड़ा को टीबी से लड़ाई के लिए किए जा रहे प्रयासों को 100 में से 94 अंक प्राप्त हुए। इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ रिसर्च इन टीबी इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिंव एंड सोशल मेडिसिन और डब्ल्यूएचओ इंडिया जैसी स्वतंत्र एजेंसियों ने इस सर्वेक्षण में नौ मापदंडों का आधार बनाया था।
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उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मरीजों की पहचान, उपचार, आसपास के लोगों के स्वस्थ लोगों के बचाव और ढांचागत सुविधाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है। डीसी की अध्यक्षता में गतिविधियों की समीक्षा के लिए क्षय रोग निवारण समिति का गठन किया गया है। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच भी मौजूद रहे।
असाध्य नहीं टीबी रोग, मरीज से भेदभाव नहीं, हमदर्दी रखें
सीएमओ कांगड़ा ने कहा कि टीबी रोग असाध्य नहीं है। समाज को टीबी मरीज से भेदभाव नहीं, हमदर्दी रखनी होगी। 24 मार्च से 21 दिनों का टीबी मुक्त जिला अभियान चलाया जा रहा है। इसमें टीबी मरीजों को अस्पताल आने से पहले ही उसकी पहचान की जाएगी, जिससे रोग के शुरुआती दौर से ही उपचार शुरू हो सकेे। देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए टीबी रोगियों के सभी टेस्ट, उपचार और दवाइयां मुफ्त में दी जा रही हैं। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगियों को 500 रुपये प्रति माह और ड्रग रीजिस्टेंट टीबी मरीजों को 1500 रुपये प्रति माह की विशेष वित्तीय मदद दी जा रही है। इसके अलावा ड्रग रीजिस्टेंट टीबी मरीज और उसके एक सहयोगी को उपचार के लिए आने के बस किराए के बिल का भी भुगतान किया जा रहा है।
96 फीसदी डिलीवरी सरकारी अस्पतालों में
सीएमओ ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक डिलीवरी के मामले अस्पतालों में करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला कांगड़ा में करीब 96 फीसदी डिलीवरी के मामले सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित ढंग से किए गए। उन्होंने बताया कि संस्थागत डिलीवरी के मामले में अटल आशीर्वाद योजना के तहत हर मामले में बेबी केयर किट मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही है। अब तक जिला में 14,302 बेबी केयर किटें माताओं को उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं।
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