टीबी के खात्मे को मददगार सामाजिक कार्यकर्ता बनें: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी, कृषि विश्वविद्यालय में टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
टीबी के खात्मे को मददगार सामाजिक कार्यकर्ता बनें: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी
कृषि विश्वविद्यालय में टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
पालमपुर : चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.के.चौधरी ने विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों को अपने आसपास के क्षेत्रों में तपेदिक (टीबी) के रोगियों को हर संभव सहायता देने का आह्वान किया है। प्रो. चौधरी ने विश्वविद्यालय में राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से गुरुवार को टीबी पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र की सराहना की। कुलपति चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है। हम सभी को इस नेक प्रयास में हाथ मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि कई कर्मचारी अच्छे मददगार समाजिक सदस्य के तौर पर टीबी से पीड़ित व्यक्तियों को भावनात्मक और पोषण संबंधी सहायता देने के लिए उन्हें गोद लेने के लिए निक्षय मित्र बनेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला कांगड़ा डाक्टर गुरदर्शन गुप्ता ने विश्वविद्यालय के कुलपति और स्वास्थ्य केंद्र का आभार जताते हुए कहा कि कोविड 19 के दौरान सराहनीय कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के इस मंदिर में अत्याधिक उच्च शिक्षित व्यक्ति अच्छे कार्य के लिए अपनी सेवाऐं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अब नवीनतम तकनीकों के माध्यम से टीबी की बीमारी की पहचान करते हुए उसके समाधान के लिए अत्याधुनिक उपचार का लाभ टीबी रोगी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि रोग का निदान और उपचार निशुल्क है।
- विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अंजना तुली ने कहा कि समाज में व्याप्त भम्र और मिथक को दूर कर टीबी को जड़ से मिटाया जा सकता है। कार्यक्रम में जिला टीबी अधिकारी डाक्टर आर.के.सूद ने टीबी से जुड़े निक्षय मित्र और निक्षय पोषण सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की ताकि जागरूक नागरिक इसे समाप्त करने में अपनी भूमिका निभा सकें।
कुलसचिव संदीप सूद, वित्त नियंत्रक बी.आर. राठौड़, अधिष्ठाता डाक्टर मनदीप शर्मा, निदेशक अनुसंधान डाक्टर एस.पी. दीक्षित, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर डॉक्टर सुरेश कुमार, पुस्तकाध्यक्ष डाक्टर पवन पठानिया, सूचना एवं जनसंपर्क के संयुक्त निदेशक डॉक्टर हृदयपाल सिंह समेत विश्वविद्यालय के कर्मचारी और विद्यार्थी इस दौरान मौजूद रहे।