TB CHAMPIONS को सम्मानित किया डॉ. निपुण जिंदल, डिप्टी कमिश्नर कांगड़ा ने
सालाना 1 करोड़ नए टीबी मामलों में से 26 प्रतिशत भारत में
सालाना 1 करोड़ नए टीबी मामलों में से 26 प्रतिशत भारत में
डॉ. निपुण जिंदल, DC ने सम्मानित किए होनहार TB चैंपियन
इंडिया रिपोर्टर टुडे
राजेश सूर्यवंशी
*कांगड़ा में टीबी उन्मूलन के लिए रोडमैप, लटेंट टीबी के उपचार सहित नई पहलों के साथ, टीबी चैंपियन के द्वारा समाज को इस बीमारी के खिलाफ एकजुटता को बढ़ावा देना और टीबी के लिए आरोग्य साथी ऐप का शुभारंभ, टीबी से ठीक हुए लोगों ने अपने अनुभव साझा किए।*
जिला क्षय रोग समिति, जिला टीबी फोरम और टीबी सहरोग समिति की बैठक 7 जुलाई को युद्ध स्मारक धर्मशाला में डॉ निपुण जिंदल, उपायुक्त कांगड़ा की अध्यक्षता में हुई।
इस अवसर पर कांगड़ा के सीएमओ डॉ गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि सालाना 1 करोड़ नए टीबी मामलों में से 26 प्रतिशत भारत में हैं।
जिला कांगड़ा ने 2021 में 1356 टीबी मामलों को अधिसूचित किया, जो लक्ष्य का 94% था। COVID19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान, मई में टीबी अधिसूचना में मामूली गिरावट आई थी, लेकिन इसमें धीरे धीरे फिर से सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के लिए टीबी कार्यक्रम का प्रदर्शन की परफारमेंस इंडिकेटर्स के 9 मानकों के आधार पर 93% था,जबकि 80 से ऊपर के स्कोर को बहुत अच्छा माना जाता है।
उपायुक्त, डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि जिला कांगड़ा को इस वर्ष इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) और डब्ल्यूएचओ इंडिया के साथ आईसीएमआर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (एनआईई), चेन्नई द्वारा किए गए टीबी मुक्त प्रमाणीकरण के तहत कांस्य पदक से सम्मानित किया गया था।
इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के आंकड़ों की समीक्षा और निजी क्षेत्र में दवा की बिक्री, निजी चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं के साथ साक्षात्कार और फोकस समूह चर्चा और सर्वेक्षण शामिल था।
उन्होंने टीबी के लिए आरोग्य साथी ऐप लॉन्च किया- जो रोगियों को उनके इलाज की प्रगति को ट्रैक करने और उनके मोबाइल पर सीधे पैसा हस्तांतरण लाभ की स्थिति बताता है, इस ऐप में समुदाय के लिए टीवी के रोग के बारे में जागरूकता की जानकारी भी है।
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर और बीमारी को कम करना और टीबी के संक्रमण के फैलने से रोकना है ।
सरकार द्वारा राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025 पर अनुशंसित चार रणनीतिक स्तंभों के अनुसार भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन की रणनीति पर काम किया है। चार स्तंभों का ब्यौरा निम्नलिखित है:-
टीबी की खोज: आने वाले दिनों में बेहतर सैंपल ट्रांसपोर्ट और एक्टिव केस फाइंडिंग, अपफ्रंट पॉइंट ऑफ केयर मॉलिक्यूलर टेस्टिंग के जरिए हर टीबी मरीज तक पहुंचने पर जोर देने वाले सभी मामलों का पता लगाया जाएगा।
इलाज: टीबी के सभी मामलों का इलाज उच्च गुणवत्ता वाली टीबी विरोधी दवाओं से सुनिशिच किया जाएगा
बचाव: लटेंत टीबी के उपचार ।
निर्माण: ब्लॉक क्षय रोग समिति, टीबी मुक्त पंचायत पहल जैसी प्रणालियों का निर्माण और मजबूती करना।
ग्लोबल फंड समर्थित प्रोजेक्ट अक्षय प्लस हिमाचल प्रदेश में लतेंट टीबी संक्रमण प्रबंधन को शुरू करने में मदद करेगा।
टीबी सेह रोग कमेटी ने मौतों में कमी और एचआईवी, मधुमेह, तंबाकू के उपयोग, कुपोषण जैसे टीबी के निर्धारकों और जोखिम कारकों को संबोधित करने पर विचार-विमर्श किया। उपरोक्त स्थितियों के लिए 2022 के लिए टीबी रोगियों के स्क्रीनिंग डेटा से पता चला है कि 24% टीबी रोगी तंबाकू उपयोगकर्ता हैं, जबकि 15% मधुमेह रोगी हैं; अन्य 1.2% भी एचआईवी पॉजिटिव हैं।
टीबी की रोकथाम में समाज की भूमिका की सराहना करते हुए जिला टीबी अधिकारी डॉ आरके सूद ने साझा किया कि रोटरी क्लब पालमपुर सहित विभिन्न संगठन टीबी के मरीजों वह उनके परिवार के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं जिसने टीबी की बीमारी से जान गबा चुकेे रोगियों के परिवारों को राशन प्रदान किया, शक्ति फाउंडेश ने टीबी के मरिजो के परिवारों के लिए मास्क प्रदान किया है। टीबी चैंपियंस टीबी की रोकथाम के लिए रीढ़ की हड़ी हो सकते हैं। खुले तौर पर और साहसपूर्वक बोलना एकजुटता, देखभाल और सहायता की नैतिकता को बढ़ावा देता है, जो टीबी के स्टिग्मा को कम करने और टीबी सेवाओं के तेजी से उत्थान में योगदान देता है। टीबी के स्टिगमा की चुप्पी तोड़ने के लिए वह बातचीत की सुविधा, अनुभवों को साझा करना, और सामाजिक कार्य योजनाओं और एकजुटता का निर्माण। इसके लिए टीबी मंच इस प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं और कई ठीक हुए रोगियों ने अपने अनुभव साझा किए।
टीबी कार्यक्रम के तहत सेवाओं में 40 माइक्रोस्कोपी केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से मुफ्त टेस्ट, 11 स्थानों पर आधुनिक एलईडी / फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप, इसी के साथ CBNAAT टेस्टिंग की सुविधा पालमपुर, ज्वालामुखी, नूरपुर, धर्मशाला, Medical college टांडा, डेलेक और आयुर्वेदिक hospital पपरोला में उपलब्ध हैं। धर्मशाला, नूरपुर, पालमपुर और टांडा में परीक्षण टीवी के जांच के लिए truenaat मशीन लगाई गए है।
टीवी की सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए गांवों से आशा के माध्यम से माइक्रोस्कोपी केंद्रों में नमूने भेजने के और माइक्रोस्कोपी केंद्रों से CBNAAT प्रयोगशालाओं में और कल्चर के नमूने भेजने के लिए डाक विभाग के माध्यम बलगम के नमूनों को भेजा जाता है।
दवा संवेदनशील उपचार के लिए आशा कार्यकर्ताओं के नेटवर्क के माध्यम से घर-घर जाकर विकेन्द्रीकृत तरीके से उपचार मुफ्त प्रदान किया जाता है, और रोगियों को बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से पोषण सहायता प्रदान की जाती है। योजना की शुरुआत से अब तक इस योजना के तहत जिला कांगड़ा मै टीबी रोगियों को 2.6 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
इस कार्यक्रम में धर्मशाला अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट Dr Rajesh Guleri ,पालमपुर हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट Dr विनय महाजन व इंडियन मेडिकल एसोसिशन से Dr संजय भारद्वाज , जिला Panchayati Raj अधिकारी Sh.अश्वनी कुमार, आयुर्वेद vibhag se अधिकारी Dr Shiv Gautam, असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर , गुंजन संस्था से संदीप परमार व विजय कुमार , विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉक्टर रविंदर कुमार, जिला स्वास्थ्य अधिकारी विक्रम कटोच , स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम अधिकारी, Dr सौरव , Dr अनुराधा, Dr Anil Verma, Dr Priya, Dr Deepika, वह क्षय रोग कार्यक्रम जिला स्तर के कर्मचारी Vishal, Sanjiv, Sushil , Pankaj, Pinki, ऋषि, वेद प्रकाश इत्यादि उपस्थित थे।