टीबी मुक्त अभियान: वेलनेस सेेंटर्स को मिलेंगे दो-दो टीबी चैंपियन: डीसी
रेडक्रास सोसाइटी निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की करेगा मदद
मेडिकल आफिसर टीबी रोगियों के चेकअप के लिए जाएंगे घर द्वार
धर्मशाला, 30 जुलाई। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि टीबी मुक्त हिमाचल संकल्प को पूरा करने के लिए कांगड़ा जिला के हेल्थ वेलनेस केद्रों पर दो-दो टीबी चैंपियन तैनात किए जाएंगे ताकि ग्राम स्तर पर टीबी रोगियों की उचित देखभाल के साथ साथ सुचारू उपचार भी सुनिश्चित किया जा सके। मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय परिसर के सभागार में जिला स्तरीय टीबी फोरम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि टीबी रोगियों की पहचान तथा बेहतर उपचार के लिए मेडिकल आफिसर उनके घर द्वार पर तीन सप्ताह में एक बार चेकअप के लिए जाएंगे इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी टीबी रोगियों के उपचार के लिए सुचारू व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि टीबी रोगियों को ठीक किया जा सके।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि 16 वें वितायोग के तहत ग्राम पंचायतों को भी टीबी रोगियों के लिए दस-दस हजार तक की राशि खर्च करने के लिए निर्देश दिए गए थे तथा इस बाबत पंचायती राज विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए कहा गया है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि निक्षय मित्र बनाने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है तथा रेडक्रास सोसाइटी निक्षय मित्र की भूमिका में टीबी रोगियों को खाद्य सामग्री किट्स वितरित करने के लिए पहल करेगी इसके साथ ही नागरिकों को भी निक्षय मित्र बनने का आग्रह किया जाएगा ताकि टीबी मुक्त कांगड़ा जिला के संकल्प को पूरा किया जा सके। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला की बीस प्रतिशत पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं।
उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर भी टीबी फोरम की बैठकें नियमित तौर पर आयोजित करने के दिशा निर्देश दिए हैं। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि ग्राम पंचायतों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी इस के लिए प्रत्येक माह की 24 तारीख को स्वास्थ्य खंड स्तर पर निक्षय दिवस मनाया जाएगा।
इससे पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि प्रत्येक माह एक रविवार को 32 जोखिमपूर्ण आबादी में टीबी रोग का पता लगाने लिए आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से के सन्डे एसीएफ अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 14190 लोगों की जांच की जा चुकी है ।
डॉ गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कांगड़ा में ग्राम पंचायत स्तर पर 814 टीबी फोरम गठित किये गए हैं तथा 562 की बैठक का आयोजन भी किया जा चुका है जबकि शेष 252 की बैठक भी इसी माह आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 1012 निक्षय मित्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि समाज से कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बन सकता है और टीबी के रोगियों को मानोसमाजिक सहायता के साथ पोषण आहार किट दे सकता है उन्होंने बताया कि जिला में टीबी के साथ जी रहे 1223 लोगों को पोषण आहार किटें वितरित की गई हैं। डॉ गुलेरी ने बताया कि मुख्यमंत्री क्षय रोग योजना के तहत टीबी मरीजों की जेब का खर्चा कम करने के लिए उन्हें निःशुल्क सीटी स्कैन, एमआरआई की सुविधा दी जा रही है । डॉ गुलेरी ने बताया कि टीबी से अनाथ बच्चों के लिए जिला प्रशासन द्वारा संवेदना किट दी जा रही है।
बैठक का संचालन करते हुए डॉ राजेश सूद जिला स्वास्थ्य व क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी जिला कांगडा ने बताया कि जिला में टी बी के रोगी की पहचान उपरांत उपचार सफलता की दर लगभग 86 प्रतिशत है व व्यस्क टीबी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई तक लगभग 99 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। डॉ सूद ने बताया कि बिगड़ी टीबी के मरीजों को 1500 की राशि मासिक आर्थिक सहायता के लिए दी जा रही है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों की समस्याओं के लिए 1800116666 निक्षय सम्पर्क सेवा भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष रमेश बराड़ सहित टीबी फोरम के विभिन्न सदस्य उपस्थित थे।