स्वयं सहायता समूह भी जुडेंगे टीबी मुक्त भारत अभियान से*, स्वास्थ्य निदेशक हिमाचल प्रदेश, डॉ गोपाल बेरी व नेशनल टास्क फोर्स चेयरपर्सन डॉ अशोक भारद्वाज ने किया सम्बोधित
*स्वयं सहायता समूह भी जुडेंगे टीबी मुक्त भारत अभियान से*
स्वास्थ्य निदेशक हिमाचल प्रदेश, डॉ गोपाल बेरी व नेशनल टास्क फोर्स चेयरपर्सन डॉ अशोक भारद्वाज ने किया सम्बोधित
धर्मशाला
टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के तहत एक कार्यशाला का आयोजन जोनल हॉस्पिटल धर्मशाला के सभागार मे किया गया।
बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य निदेशक हिमाचल प्रदेश, डॉ गोपाल बेरी ने की। कार्यशाला की शुरुआत में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश गुलेरी ने डॉ अशोक भारद्वाज नेशनल टास्क फोर्स चेयरपर्सन, डॉ गोपाल वेरी निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को हिमाचली टोपी व खतक पहनाकर सम्मानित किया। डॉक्टर गोपाल बेरी निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसकी प्राप्ति के लिए समाज के हर एक वर्ग को मिलकर कार्य करना होगा। टीवी मुक्त अभियान जिसमें प्रचार और प्रसार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस जन जागरण अभियान का उद्देश्य लोगों में टीबी रोग के प्रति गलत धारणाओं और भ्रांतियां को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग एक श्वास संबंधी संक्रमण है, वर्ष 2018 में क्षय रोग उन्मूलन का पहला विचार रखा गया था।
उन्होंने कहा की आज के इस उन्नत समाज में भी इतनी भ्रान्तियाँ और ग़लतफ़हमियाँ फैली हुई हैं। समाज को इन भ्रांतियां को मुक्त करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि टी.बी. फैलने के बारे में बुनियादी तथ्यों की जानकारी नहीं होने के कारण, कलंकित मानसिकता और भेदभाव को ईंधन मिल रहा है।
जानकारी के अभाव से, भेदभावकारी रुख़ व नज़रिये को बढ़ावा मिलता है।
इस रोग का खात्मा तभी होगा जब समाज में कलंक और भेदभाव की अवधारणाएं खत्म होगी।
उन्होंने कहा कि जन जागरण अभियानों के माध्यम से इन रोगों के प्रति फैली भ्रांतियां को रोका जा सकता है।
टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2024 लगभग 800 ग्राम – पंचायत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत में निर्धारित मानकों की सत्यापन के बाद टीबी मुक्त पाई गई है। भविष्य में जल्दी ही इन सभी ग्राम पंचायत को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने एस.ई.बी.पीओ और एल.एस.ई.ओ से अनुरोध किया की स्वयं सहायता समूह को, टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में टीबी रोग के बारे में समाज को जागरूक करें ताकि इस रोग से जुडे भेदभाव कलंक को दूर किया जा सकै।
डॉ अशोक भारद्वाज नेशनल टास्क फोर्स ,अध्यक्ष ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि भारत सरकार ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त राष्ट बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे है। उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश टीवी मुक्त भारत अभियान में अग्रिम भूमिका निभा रहा हैl राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाकर जनभागीदारी बढ़ाने का फैसला किया है। टीबी रोग की समय पर जांच हो ताकि टीबी की बीमारी को फैलने से बचाया जा सकता है। टीवी लाइलाज बीमारी नहीं है इसका इलाज संभव है। लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि खुली चर्चा के माध्यम से इस रोग के बारे में फैली गलत अवधारणाओं का अंत होगा। कुपोषण इस रोग में सबसे बड़ा कारक है और सभी को संतुलित और पोष्टीक आहार लेना चाहिए ताकि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की पहल पर जिला कांगड़ा में ‘निक्षय मित्र’ कार्यक्रम के जरिए टीबी को खत्म करने का जनभागीदरी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद की जा रही है। निक्षय मित्र अभियान के साथ कॉरपोरेट्स, जनप्रतिनिधि, सभी राजनीतिक दल, गैरसरकारी संगठन, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और आम देशवासी भी जुड़ कर टीबी मरीजों की देखभाल और उनकी मदद कर सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा की जिला कांगड़ा में निश्चय मित्र का कार्यक्रम बड़ा प्रभावी रूप से चल रहा है।
उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वह निक्षय मित्र बनकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश सूद ने बताया कि जिला कांगड़ा में क्षय रोग (टीबी) को हराने के लिए टीबी चैंपियन बनाए गए है। टीबी चैंपियन ऐसे लोग हैं, जिन्होंने स्वयं टीबी रोग को मात दी है। वे उपचाराधीन टीबी के मरीजों का मनोबल बढ़ाकर टीबी से लड़ने में मदद कर रहे है। सभागार में उपस्थित टीवी चैपियन अंचिता ने अपने अनुभव प्रतिभागियों से साथ साझा किये।
डॉ. आर.के सूद ने येह जानकारी भी दी कि हिमाचल प्रदेश में अब टीबी रोग को खत्म करने के लिए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) के साथ जोड़ा गया है। इसके जरिए पंचायतों में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को मुख्यधारा में लाया गया है साथ ही पंचायतों में टीबी से स्वस्थ हो चुके लोगों को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनवाने, उन्हें काम दिलवाने, टीबी रोगियों को पोषक तत्व मुहैया करवाने का काम सौंपा गया है। उन्होंने खंड विकास कार्यालय से उपस्थित अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह ग्राम स्तर कि बैठकों में इस रोग के बारे में खुलकर चर्चा करें ताकि समाज में फैली टीवी रोग के प्रति भ्रांतियां को तोड़ा जा सके।
सभागार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार सांझा किया और सब ने शपथ ली कि वह टीवी मुक्त समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।
बैठक में डॉ तरुण सूद प्रोग्राम ऑफिसर, डॉ वंदना प्रोग्राम ऑफिसर, राजेंद्र कुमार फाइनेंस ऑफिसर , खंड विकास अधिकारी कार्यालय में कार्यरत एस.ई.बी.पीओ और एल.एस.ई.ओ, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में कार्यरत सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, बी.सी.सी. कोऑर्डिनेटर जिला कांगड़ा, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हेल्थ एजुकेटर व जिला क्षय रोग केंद्र से विशाल शर्मा, संजीव कुमार, सुबेश कुमार, पिंकी थापा, पूजा मेहरा ने भाग लिया।