डॉ. निपुण जिंदल : 2025 तक TB मुक्त भारत का संकल्प, निक्षय मित्र बन टीबी मुक्त समाज बनाने में दें योगदान, हर व्यक्ति के शरीर में होते हैं TB के कीटाणु

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GHUGGAR (PALAMPUR)

निक्षय मित्र बन टीबी मुक्त समाज बनाने में दें योगदान : समाज में योगदान की पहल

DHARAMSHALA

RAJESH SURYAVANSHI
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 प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की एक बैठक का आयोजन डीआरडीए हॉल में जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में हुआ।

जिलाधीश ने बताया की भारत सरकार ने देश से टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है, और 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।

हाल ही में देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया गया है। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है।

इस योजना का खास बात ये है कि टीबी के खिलाफ इस जंग में आम आदमी भी अपना योगदान दे सकता है। अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं। इसके लिए सरकार “निक्षय मित्र” बनने का मौका दे रही है।

अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गुरुदर्शन गुप्ता ने बताया कि निक्षय मित्र योजना की पूरी प्रक्रिया मरीज की इच्छा और उसकी सहमति पर आधारित होगी। निक्षय मित्र योजना के तहत सामुदायिक सहयोग प्राप्त करने के लिए इच्छुक जिले के मरीजों से सहमति प्राप्त की जा रही है। मरीजों की सहमति प्राप्त करते हुए उनका डिटेल्स निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में 833 टीवी मरीजों ने अपनी सहमति दी है और और उनमें से 162 टीवी मरीजों को नि:क्षय मित्र के साथ लिंक कर दिया गया है I
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बताया की इस अभियान को जन-आंदोलन बनाकर लोगों में टीबी के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है तथा सरकार इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए निःशुल्क सुविधा प्रदान करती है।

इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर राजेश सूद ने बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि कुछ रोगियों और समुदायों में टीबी कि बीमारी को लेकर हीन भावना है और लोग इस बीमारी को कलंक के रूप में देखते हैं। यह भ्रम दूर करना होगा। सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। किसी कारणवश जब किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचने के बाद ही टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में या शहरी क्षेत्रों में भी लापरवाही की वजह से टीबी के मरीज बीच में ही अपना इलाज छोड़ देते हैं। टीबी के वायरस कई प्रकार के होते हैं, ऐसे में इनके इलाज और दवा भी अवधि भी अलग होती है और व्यक्ति के खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है, जिससे उसके अंदर संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इलाज पूरा न होने और दवा सही समय पर न खाने से मरीज के अंदर का टीबी वायरस खत्म नहीं होता और दूसरे भी संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं।

ऐसे में सरकार की गोद लेने की यह पहल भारत को टीबी मुक्त करने में बड़ा योगदान देगी। हालांकि ये प्रक्रिया मरीज के स्वेच्छा और उसकी अनुमति पर ही होगी।

उन्होंने कहां की इस अभियान से जुड़ने और निश्चय मित्र बनने के लिए सबसे पहले communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान पर क्लिक करें। फिर निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर इस अभियान से जुड़ सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन के बाद सुविधानुसार निक्षय सहायता के लिए टीबी रोगियों का चयन किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में टीबी की बीमारी से जुड़ी हर तरह की जानकारी के लिए निक्षय हेल्पलाइन नंबर 1800-11-6666 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

टीबी बीमारी कैसे होती है, टीबी कितने प्रकार की होती है, टीबी से बचाव, इलाज, दवा संबंधी सभी प्रकार की जानकारी निक्षय हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त कर सकते हैं।
जिलाधीश कांगड़ा ने कहां की लोग सामाजिक दायित्व के तहत निक्षय मित्र योजना से जुड़कर भारत को टीबी मुक्त करने में बड़ा योगदान दे सकते हैं।

इस अवसर पर जिलाधीश कांगड़ा ने यह घोषणा की टीवी टीबी रोगी जिनकी इस बीमारी से मृत्यु हो गई है उनके बच्चों को स्टेशनरी दी जाएगी और जिन टीवी के मरीजों का इलाज चल रहा है उनको टीवी के संक्रमण के बचाव के लिए नि:क्षय किट दी जाएगी l जिला कांगड़ा में अभी तक 1000 मरीजों को चिन्हित किया गया हैl
उन्होंने जिला कांगड़ा की जनता से अपील कि निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने का संकल्प लें और टीवी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाएं।
इस मौके पर डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट टीवी प्रोग्राम डॉक्टर आतमिका नायर, डॉक्टर व्योम भारद्वाज डॉक्टर एम के गुप्ता व इंडस्ट्री डिपार्टमेंट, रोटरी क्लब धर्मशाला, नगरोटा हेल्पिंग हैंड्स, गुंजन ऑर्गेनाइजेशन, आयुष हर्ब नगरोटा बगवां, रेनबो इंटरनेशनल स्कूल नगरोटा बगवां, हिम वेलफेयर एसोसिएशन फतेहपुर, आईo सीo डीo एस विभाग, ग्रामीण सेवा आश्रम पालमपुर ,पीएनबी एलडीएम कांगड़ा, निफ़्फ़ा ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि वह जिला क्षय रोग केंद्र के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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